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कांवड़ लाने वाले मुस्लिम युवक का हुक्का-पानी बंद, नहीं पढ़ने दी गई मस्जिद में नमाज

दिल्ली : बचपन में किताबो में पढ़ा था की हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आपस में सब भाई-भाई, लेकिन ऐसा लगता है की ये सभी किताबी बाते है, हकीकत इससे कोसो दूर है। क्योंकि हम भले ही एक ऐसे देश में रह रहे है जहां का संविधान हमे पूरी तरह से धार्मिक स्वतंत्रता देता है। यहां किसी भी धर्म के व्यक्ति को अपने अपने तरीके से पूजा पाठ करने का अधिकार है। लेकिन इसी लोकतान्त्रिक देश में आये दिन ऐसी बाते भी सामने आती है जो हमे झकझोर कर रख देती है।


वहीं उत्तर प्रदेश के बरेली में एक मुस्लिम युवक को हरिद्वार से  कावड़ लाना और मंदिर में जलाभिषेक करने की वजह से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उसका सामाजिक वहिष्कार कर दिया और उसको मुसलमान मानने से भी इंकार कर दिया।
गेरुआ वस्त्र पहने ये साबिर हुसैन है। साबिर हुसैन बरेली के देवरनिया थाना क्षेत्र के दोपहरिया गांव में रहते है। साबिर हरिद्वार में कावड़ लेकर गए थे और वहां से जल लाकर गांव में बने मंदिर में जलाभिषेक किया। ये बात गांव के मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस कदर नागवार गुजरी की उन्होंने साबिर हुसैन का सामाजिक वहिष्कार कर दिया। साबिर का हुक्का पानी बंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं उसको मुसलमान मानने से भी इंकार कर दिया गया है। साबिर का कहना है। जब मस्जिद में नवाज पढ़ने गया तो उसे वहां से भगा दिया गया। साबिर का कहना है की हमने तो किताबो में पढ़ा था की  हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आपस में सब भाई-भाई लेकिन यहां ऐसा नहीं है।
वहीं गांव के हिन्दू समुदाय के लोगों का कहना है की वो साबिर के साथ है और उन्होंने साबिर के साथ मिलकर थाने में तहरीर दी। वही इस मामले में अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। जब मामला एसपी ग्रामीण डॉ संसार सिंह के संज्ञान में आया तो उन्होंने थाना पुलिस को एफआईआर लिखने के निर्देश दिए है।


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