दिल्ली : दिल्ली के पुराने रेल्वे स्टेशन के पास 26 अगस्त को इंसानी नुमा जानवरो ने फिर ऐसा खेल खेला की इंसानियत के कलेजे कांप गए।
20 से 25 दरिंदो ने मिलकर फिर एक मासूम को मौत के आगोश में सुला दिया था। इस दहशतनाक जुर्म पर पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में नज़र आ रही हैं अभी तक पुलिस ने 2 लोगो को गिरफ्तार करने का दावा किया हैं लेकिन उन पर हत्या की धारा 302 नही लगाई हैं बल्कि पुलिस ने गैर इरादतन हत्या की धारा 304 लगाई हैं।
कारी ओवेस के वालिद से जब मीडिया ने कारी ओवेस की भीड़ द्वारा पीट पीटकर हत्या करने के बारे में सवाल किया तो उन्होंने बताया की ओवेस 24 तारीख को दिल्ली के किसी इलाके में मस्ज़िद में इमामत के इरादे से गया था उसको वो इलाका नही मिला तो वो वापिस घर आने के लिए स्टेशन जा रहा था जहाँ एक दुकान पर इयरफोन खरीदने के लिए गया था इयरफोन की कीमत ज्यादा होने की वजह से उसने खरीदने से मना कर दिया इसी बात से नाराज़ होकर दुकानदार पर हैवान सवार हो गया और देखते ही देखते उस दुकानदार के साथ मिलकर दूसरे दुकानदारो के अंदर के जानवर भी बाहर आ गए और उन जानवरो ने ओवेस की लात,घूसों और मुक्कों के ताबड़तोड़ हमले करके उसकी जान ले ली। ये सब पुलिस की नाक के नीचे होता रहा था लेकिन पुलिस मामले को दबाने में लगी हुई थी जब सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने लीपा, पोती करके उन पर धारा 304 गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करके दो लोगो को जेल भेज दिया। जब भीड़ के मरने की मंशा नही थी तो 20-25 लोगो की भीड़ कारी ओवेस को मार क्यों रही थी। कारी ओवेस के पूरे शरीर मे गंभीर चोटें आई हैं।
अब दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस पर जल्द ही कोई फैसला लेना चाहिए ताकि दिल्ली में ऐसी घटना दोबारा नही हो और तत्काल मामले संबधित थाना प्रभारी को सस्पेंड करके उस पर मुकदमा चलाना चाहिए।
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