आज हम आपको बता रहा हूँ, भारत माता की असली बहू के बारे में..
नेताजी_सुभाष_चंद्र_बोस की धर्मपत्नी.. जिनका भारत में कभी स्वागत नही किया, कांग्रेस ने इनको भी नेताजी की तरह गुमनाम कर दिया।
श्रीमती "एमिली शेंकल" ने 1937 में भारत मां के सबसे लाड़ले बेटे "बोस" जी से विवाह किया।
एक ऐसे देश को ससुराल के रूप में चुना, जहां कभी इस "बहू" का स्वागत नही किया गया.. न बहू के आगमन पर मंगल गीत गाये गये.. न बेटी(अनीता बोस) के जन्म होने पर कोई सोहर ही गाया गया... यहां तक गुमनामी की इतनी मोटी चादर के नीचे उन्हें ढ़ंक दिया गया कि कभी जनमानस में चर्चा भी नही हुई।
अपने 7 साल के कुल वैवाहिक जीवन में पति के साथ इन्हें केवल 3 साल रहने का मौका मिला.. फिर इन्हें और नन्ही सी बेटी को छोड़कर बोस जी देश के लिए लड़ने चले गये।
अपनी पत्नी से इस वादे के साथ गये की पहले देश आजाद करा लूँ.. फिर हम साथ-साथ रहेंगे। अफसोस कि ऐसा हुआ नही.. क्योंकि कथित विमान दुर्घटना में बोस जी लापता हो गए।
उस समय "एमिली शेंकल" बेहद युवा थीं, वो चाहती तो यूरोपीय संस्कृति के अनुसार दूसरी शादी कर लेती.. पर नही की और बेहद कठिन तरीके से जीवन गुजारा।
आपको जान कर बेहद दु:ख होगा कि एक तार-घर में मामूली क्लर्क की नौकरी और बेहद कम वेतन के साथ वो अपनी बेटी को पालती रही। तब तक भारत आजाद हो गया था। वो चाहती थी और उनका बहुत मन था भारत आने का.. की एक बार अपने पति के वतन की मिट्टी को हाथ से छूकर नेताजी को महसूस करूं, जिस वतन के लिए मेरे पति ने अपना जीवन होम कर दिया। लेकिन उनके आगमन की इच्छा की इस खबर को सुन कर #गुलाबो_चच्चा इतना भयभीत हो गया था कि देश की बहू को आने के लिए उसने वीजा तक देने से मना कर दिया... ये होता है गीदड़ों के दिमाग में शेरों का खौफ...!!
जबकि उन्हें सम्मान-सहित बुलाकर भारत की नागरिकता देनी चाहिए थी।
उस महान महिला का बड़प्पन देखिये कि उन्होंने इसकी कभी किसी से शिकायत भी नही की.. और गुमनामी में ही मार्च 1996 मे जीवन त्याग दिया।
ये थी हमारे देश की असली बहू की कहानी स्वर्गीय "श्रीमती एमिली शेंकल" की..!!
देश पर बोझ बनकर शासन करने वाला विशेष #विषैला परिवार कितना कुटिल, कायर और कपटी है.. जिसने देश के साथ ही नही वरन् देश के बलिदानी हुतात्माओं और उनके परिजनों के साथ भी धोखा और छल किया है..और आज भी कर रहा है
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