साहिबाबाद :- कंपनी के करोड़ों रुपये के गबन के आरोपितों से बरामद रुपयों में करीब 80 लाख की हेराफेरी की आरोपित लिक रोड थाना प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मी सिंह चौहान सहित सातों पुलिसकर्मियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस साक्ष्य एकत्र कर रही है।
*गबन के रुपये बरामद करना पुलिस को चुनौती*
साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट-चार में विभिन्न बैंकों के एटीएम में रुपये डालने का काम करने वाली सीएमएस इंफो सिस्टम कंपनी का क्षेत्रीय कार्यालय है। कंपनी की ओर से 22 अप्रैल को कैश कस्टोडियन राजीव सचान के खिलाफ लिक रोड थाना में 72.50 लाख रुपये गबन करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। कंपनी की अंदरूनी जांच में सामने आया कि करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये का गबन हुआ है। मामले में अब तक सचिन सचान व आमिर सहित 10 आरोपित गिरफ्तार हुए हैं। उनमें राजीव के पिता और उसके परिचित शामिल हैं। गबन के इस मामले में पुलिस को 48.50 लाख रुपये ही बरामद हुए हैं। लिक रोड थाना प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मी सिंह चौहान सहित सात पुलिसकर्मियों पर 80 लाख रुपये की हेराफेरी करने का आरोप है। पुलिस टीम को गबन की इतनी बड़ी धनराशि बरामद करना चुनौती साबित हो रही है।
जुटाए जा रहे हैं साक्ष्य : 80 लाख रुपये की हेराफेरी में आरोपित लक्ष्मी सिंह चौहान, महाराजपुर पुलिस चौकी प्रभारी नवीन कुमार पचौरी, सिपाही बच्चू सिंह, फराज, धीरज भारद्वाज, सौरभ कुमार और सचिन कुमार बुधवार को निलंबित कर दिए गए हैं। उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है। पुलिस उनके खिलाफ साक्ष्य एकत्र कर रही है। साक्ष्यों के आधार पर आरोपित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की जाएगी। साक्ष्य एकत्र करने के दौरान पुलिस मामले में पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए आरोपितों से भी पूछताछ कर सकती है। कारण पूर्व में गिरफ्तार हुए आरोपितों से तीन लाख रुपये की ही बरामदगी दिखाई गई है। बरामद धनराशि सही दिखाई गई है या नहीं, इसकी पड़ताल की जाएगी।
अग्रिम जमानत की तैयारी : पुलिसकर्मियों पर 80 लाख रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाने का मामला बृहस्पतिवार को ट्रांस हिडन में चर्चा का विषय रहा। लोगों का कहना है कि पुलिसकर्मी अग्रिम जमानत के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का शरण ले सकते हैं। कुछ लोग तो यहां तक कहते मिले कि पुलिसकर्मी अग्रिम जमानत के लिए इलाहबाद उच्च न्यायालय पहुंच भी गए हैं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
अब तक किसी भी आरोपित पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले की जांच की जा रही है। साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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