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भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनायी गयी तथा भंडारे आयोजित किया

लोनी मे धूमधाम से मनायी गयी भगवान विश्वकर्मा जंयती मनाई गई तथाा भंडारे कााा आयोजन किया इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजकों दुारा मनोज धामा जी का पटका पहनाकर स्वागत किया ।
मनोज धामा जी ने भगवान विश्वकर्मा जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर शीश झुकाकर आशीर्वाद लिया ।
इस अवसर पर मनोज धामा जी ने सभी को संबोधित करते हुये कहा कि भगवान विश्वकर्मा के जन्म को लेकर शास्त्रों में जो कथाएं मिलती हैं उससे ज्ञात होता  है कि भगवान विश्वकर्मा ने सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा के सातवे धर्मपुत्र के रूप मे जन्म लिया था आज के दिन को हम लोग विश्वकर्मा जयंती के रूप मे मनाते हैं ।
भगवान विश्वकर्मा जी को "वास्तुशास्त्र का देवता" "देवताओं का इंजीनियर" "मशीन का देवता" आदि भी कहा जाता है यही वजह है कि हिन्दु समाज मे विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है क्यूंकि भगवान विश्वकर्मा को निर्माण का देवता माना जाता है ।
मान्यता है कि उन्होंने देवताओं के लिये भव्य महलों ,आलीशान भवनो, हथियारों और सिंघासनों का निर्माण किया ।
एक बार असुरों से परेशान होकर जब देवताओं ने विश्वकर्मा जी से गुहार लगायी तो महर्षि दधीचि की हड्डियों से राजा इंद्र के लिये वज्र भी बनाया था वज्र के प्रभाव से सभी आसुरी ताकतों का सर्वनाश हो गया था । 
भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यापार मे भी वृद्धि होती है विश्वकर्मा पूजा के दिन लोग औजारों, मशीनों व दुकानों की पूजा भी करते हैं।
इस अवसर पर कपिल पांचाल , अंकुश पांचाल ,योगेन्द्र पांचाल फौजी रामपाल जांगिड़ ,सोहन लाल विश्वकर्मा ,लखन पांचाल बबीता पांचाल ,अजय पांचाल सूरज पांचाल ,मनोज विश्वकर्मा, वीर सिंह ,ईश्वर सिंह ,सुरेश चंद्र राहुल , श्याम सुंदर जांगिड़ ,सुभाष चन्द्र पांचाल, अजब सिंह पांचाल ,सत्यप्रकाश पांचाल ,सचिन पांचाल ,डॉ नवीन पांचाल व समस्त विश्वकर्मा समाज के लोग सैंकडों की संख्या मे उपस्थित रहे।


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