मुजफ्फरनगर, युसूफपुर गांव के जंगल में दो सप्ताह पहले गठरी में बंधे मिले महिला के शव की पहचान मेरठ की दिव्यांशी के रूप में हुई है।
दूसरे पति से तलाक होने के बाद इन दिनों दिल्ली में मामा के फ्लैट में रह रही थी। हापुड़ से एलएलबी करने के बाद वह पीसीएस जे की तैयारी कर रही थी। पूरे मामले में मेरठ और बागपत के दो फाइनेंसरों की भूमिका भी सामने आ रही है। मामला हाईप्रोफाइल होने की वजह से पुलिस की एक टीम मेरठ और बागपत भेजी गई है।
भोपा थाने के गांव यूसुफपुर के जंगल में बीती पांच सितंबर की सुबह किसान बबलू के चेरी के खेत कंबल की गठरी में करीब 30 वर्षीय महिला का शव बंधा पड़ा मिला था। महिला के शरीर पर चोट के निशान नहीं थे। महिला की जीभ बाहर निकली हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला की मौत दम घुटने से होना आई थी। गुरुवार को मेरठ के थाना ब्रह्मपुरी के मोहल्ला भगवतपुरा निवासी देवदत्त ने भोपा थाना पहुंचकर शव की पहचान अपनी बेटी दिव्यांशी उर्फ यतु के रूप में की। पिता ने बताया कि उसकी बेटी दूसरे पति से तलाक होने के बाद इन दिनों दिल्ली के मोहल्ला न्यू सीमापुरी में मामा देवेंद्र के फ्लैट में रह रही थी। बीती चार सितंबर को दिल्ली से मेरठ प्राइवेट चिकित्सक के यहां दवाई लेने आई थी। परिजनों ने सीओ राममोहन शर्मा से मिलकर घटना का शीघ्र राजफाश करने की मांग की है। प्रभारी निरीक्षक एमएस गिल ने बताया कि परिजनों से बातचीत के बाद कई बातें सामने आई हैं। मेरठ और बागपत के दो फाइनेंसरों से भी उसकी नजदीकियां थीं। उनकी तलाश की जा रही है। मृतका के परिजनों के भी बयान दर्ज कराए हैं। युवती के दो पूर्व पति भी जांच के दायरे में हैं। उनकी भी तलाश की जा रही है।
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