गजियाबाद : नगर आयुक्त तथा निगम अधिकारियों के द्वारा सदन बैठक का बहिष्कार करने का मामला तूल पकड रहा है।
महापौर आशा शर्मा तथा 60 पार्षदों ने बहिष्कार के कदम को सदन का अपमान बताते हुए मुख्यमंत्री के सामने लिखित में उठाया है। साथ ही कहा गया कि ये अधिकारियों की सर्विस नियमावली के खिलाफ है। संबंधित अधिकारियों पर उचित प्रशासनिक कार्रवाई किए जाने का आग्रह किया है। लेटर की प्रति शहरी विकास मंत्री,प्रमुख सचिव नगर विकास,मेरठ मंडलायुक्त तथा डीएम को भेजी है। लेटर के माध्यम से कहा गया कि महापौर की अध्यक्षता में पहले से तय बैठक आहूत की गई थीं। बैठक के दौरान सदन सदस्य सुनील यादव के द्वारा सीएलसी फर्म के ठेकेदार के द्वारा पार्षदों और अधिकारियों के साथ आपत्तिजनक व्यवहार पर टिप्पणी की गई थीं,जिस पर संज्ञान लेने के बजाय नगर आयुक्त द्वारा खुद व अपने अधिकारियों को इंगित करके महापौर/सदन अध्यक्ष से बगैर किसी अनुमति के सदन का बहिष्कार किया गया,जो बहुत ही आपत्तिजनक था और सदन की गरिमा एवं सम्मान के प्रतिकूल था। नगर आयुक्त एवं उनके अधीनस्थ अधिकारियों के इस घोर आपत्तिजनक व्यवहार पर सदन की अध्यक्ष एवं समस्त सदस्यो ने घोर आपत्ति जतायी। सदन की बैठक के दौरान नगर आयुक्त और उनके अधिकारियों का सदन से वाकआउट करना,उनकी सर्विस नियमावली के भी खिलाफ है। पूरा सदन इस घटना की निंदा करता है और शासन से अपेक्षा करता है कि नगर आयुक्त और उनके अधिकारियों द्वारा किए गए घोर आपत्तिजनक व्यवहार के लिए संज्ञान लिया जाए एवं उचित प्रशासनिक कार्यवाही अमल में लायी जाए।
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