रोड पर गड्ढे से अगर किसी की मौत होती है तो सरकार किस का चालान काटे गी सरकारी अधिकारी हो या कर्मचारियों पर खुद कागज पूरे नहीं होते उनका चालान कौन काटेगा
इस भारत देश में रोजगार नहीं है मगर किसी ने नियम तोड़े तो हजारों की भरपाई करनी होगी
प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी कर रहे हैं बच्चों की किताबें और ड्रेस इतनी महंगी हो गई है रोजगार है नहीं पर बाइक कार नियम तोड़ने पर हजारों का जुर्माना देना होगा
रोड पर से ठेलिया हटवा दिया गई है तो क्या खाएगा इंसान गरीब तो मर जाएगा गरीब बच्चों को पढ़ाएं बीमारी में लगाए घर चलाएं या फिर हजारों के चालान भुगते खुद जब एक मंत्री आता है तो रॉन्ग साइड चलते हैं जब किसी भी पार्टी की रैलियां निकलती है तो कोई नियम कानून नहीं होता क्योंकि फोटो खिंचवाना जरूरी है अखबार में आएंगे तभी जीत पाएंगे मगर यह पार्टियां यह नहीं जानती अगर यही नियम लागू रहा तो सरकार बदलने में जनता खुद एक सरकार है रोड पर खंभे हैं तो लाइट नहीं जलती उनमें कुछ रोड तो ऐसे हैं जिन पर खंबे ही नहीं उन लोगों का चालान कौन कटेगा पॉलिथीन रखने वाले का चालान कटेगा बनाने वाली फैक्ट्रियां बंद नहीं होगी उनका चालान कोई नहीं कटेगा
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