उत्तर प्रदेशः मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के निर्देश के बाद प्रदेश में 50 माइक्रान से पतली पालिथीन पर रविवार से पूरी तरह प्रतिबंध लग जाएगा। इसके बाद इसे बनाने या फिर बेचने वालों के खिलाफ छापेमारी अभियान चलेगा।
पालिथीन मिलने पर मौके पर ही एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। नगर विकास विभाग ने इसके लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली है। सूत्रों का कहना है कि अध्यादेश के प्रारूप पर कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी मिल गई है। राज्यपाल से मंजूरी के बाद इस संबंध में आदेश जारी किया जाएगा।
कानून बनाकर रोकेंगे
राज्य सरकार 50 माइक्रान से पतली पालिथीन को कानून बनाकर रोकेगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा कचरा (उपयोग एवं नियंत्रण का विनियमन) अधिनियम 2000 में संशोधन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसका आदेश जारी होते ही 50 माइक्रान से पतली पालिथीन बेचना व बनाना कानून जुर्म होगा।
सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि टास्क फोर्स बनाकर रविवार से इस पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाया जाए। जहां टास्क फोर्स नहीं है वहां तत्काल बनाया जाए। शिकायत मिलने पर डीएम इसके लिए जवाबदेह होंगे। व्यक्तियों द्वारा अगर सार्वजनिक स्थान पर पॉलीथिन है तो पकड़े जाने पर 1000 रुपये जुर्माना देना होगा।
प्रतिष्ठानों पर जुर्माने की दर
100 ग्राम तक 1000 रुपये
101 से 500 ग्राम 2000 रुपये
501 ग्राम से 1 किलो 5000 रुपये
1 से 5 किलो तक 10,000 रुपये
5 किलो से अधिक पर 25,000 रुपये
नगर विकास विभाग ऐसी पालिथीन की बिक्री रोकने के लिए छापेमारी का अभियान भी चलाएगा। इसके लिए नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण, जिला प्रशासन व पुलिस की संयुक्त टीमें बनाई जाएंगी। संयुक्त टीमें शहरों में छापेमारी का लगातार अभियान चलाएंगी और मौके पर ही जुर्माना भी वसूला जाएगा। जुर्माने की राशि 1 लाख रुपये तक होगी।
अभियान चलेगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर 50 माइक्रान से पतली पालिथीन पर अनिवार्य रूप से प्रतिबंध लगाया जा रहा है। कानून के साथ इसे जनसहभागिता से भी रोका जाएगा। निकाय अफसर जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताएंगे।
शहरी क्षेत्रों में 50 माइक्रान से पतली पालिथीन पर प्रतिबंध कड़ाई से लगाया जाएगा, जिससे यह चलन से बाहर से सके।
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