उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम प्रदेश का सरकारी निगम है। यह अन्तर्राज्यीय एवं उ0प्र0 के गांवों से लेकर शहरों के बीच लाखों लोगों को प्रतिदिन आवागमन के लिए बस सेवा संचालित करता है। स्थानीय लोग इस सेवा को रोडवेज कहते हैं। परिवहन निगम की स्थापना
1947 में हुई थी। अपने स्थापना से लेकर आज तक परिवहन निगम ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। वर्तमान परिदृश्य में यात्रियों को त्वरित व कम किराये में अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराते हुए यात्रियों को परिवहन सेवा प्रदान किया जा रहा है।
परिवहन निगम कुम्भ मेला 2019 में प्रदेश में श्रद्धालुओं को सुविधा हेतु प्रयाग, जीरोरोड, सिविल लाइन्स, जारीबाजार एवं विन्ध्याचल बस स्टेशनों के सुदृढ़ीकरण करते हुए प्रदेश के हर कोने से बस संचालन कर लाखों स्नानार्थियों को प्रतिदिन पवित्र संगम में स्नान कराया है। कुम्भ मेले में शटल सेवा के रूप में 503 बसों का संचालन कर विश्व की सबसे बड़ी बस परेड बनाकर गिनीज वल्र्ड रिकार्ड स्थापित किया गया।प्रदेश के 38200 असेवित गांवों में से वर्ष 2018-19 तक19,494 असेवित गांवों को परिवहन सुविधा से सेवित किया गया है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ''संकल्प बस सेवा'' का संचालन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसे निर्भया फण्ड योजना के तहत धनराशि उपलब्ध कराये जाने के लिए चयनित किया गया है। निर्भया योजना के अन्तर्गत महिलाओं के लिए पिंक सेवाओं के संचालन सहित महिला यात्रियों की सुरक्षा हेतु निगम की सभी बसों में सीसीटीवी कैमरा तथा पैनिक बटन लगाये जाने एवं इण्टरसेप्टर वाहनों का संचालन प्रारम्भ किया गया है। पी0पी0पी0 पद्धति पर नवनिर्मित अंतर्राष्ट्रीय स्तर का अत्याधुनिक आलमबाग बस टर्मिनल का लोकार्पण दिनांक 12 जून, 2018 को मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा किया गया। बस स्टेशनों के आधुनिकीकरण के दृष्टिगत प्रदेश के 24 प्रमुख बस स्टेशनों को पी0पी0पी0 पद्धति पर विकास किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर भाई-बहन के पवित्र रक्षाबंधन पर्व पर वर्ष 2017 में लगभग 11.16 लाख एवं वर्ष 2018 में 11.69 लाख तथा वर्ष 2019 में 12.03 लाख महिला यात्रियों को निःशुल्क यात्रा प्रदान की गयी। परिवहन निगम यात्रियों को सुविधाजनक परिवहन सेवा उपलब्ध कराते हुए गत 02 वर्षों से लगातार लाभ में है। वर्ष 2017-18 में 122.69 करोड़ रूपये व वर्ष 2018-19 में 30.63 करोड़ रूपये (अनन्तिम) लाभ में रहा। निगम द्वारा पड़ोसी राज्य नेपाल हेतु अयोध्या से जनकपुर (नेपाल), लखनऊ-रूपैडिहा- नेपालगंज, दिल्ली से महेन्द्र नगर, पोखरा व नेपालगंज के लिए अन्तर्राष्ट्रीय बस सेवा का संचालन प्रारम्भ किया है।
स्लीपर बस योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 13 वातानुकूलित शयनयान सेवाओं को बस बेड़े में सम्मिलित कर संचालन प्रारम्भ किया गया। परिवहन निगम द्वारा यात्रियों हेतु विभिन्न सुविधाओं से युक्त वर्तमान में 75 वाॅल्वो/ स्कैनिया एवं 383 जनरथ बसों का संचालन किया जा रहा है। परिवहन निगम के 14 बस स्टेशनों में वाटर एटीएम की सुविधा की गयी है। परिवहन निगम के 73 डिपो में आॅटोमेटेड फ्यूल मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। ए0एस0आर0टी0यू0 नई दिल्ली द्वारा दिनांक 26 मार्च, 2019 को वर्ष 2017-18 में निगम को 122.69 करोड़ रूपये का लाभ होने पर सर्वश्रेष्ठ ''प्रफिट मेकिंग एसटीयू'' का राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार प्रदान किया गया। माह जुलाई, 2018 में निगम को इंडिया बस अवार्ड का प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अलावा निगम को विशेष पुरस्कार, प्लैटिनम अवार्ड, गोल्ड अवार्ड, आॅर्डर आॅफ मेरिट आदि पुरस्कार भी मिले हैं।
दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग, एक्सप्रेस-वे व रात्रिकालीन सेवाओं की लम्बी दूरी की बसों में दो चालकों की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी। दुर्घटनाओं की प्रभावी रोकथाम एवं सुरक्षित संचालन के दृष्टिगत डिपो स्तर पर शिविर लगाकर चालकों का स्वास्थ्य एवं नेत्र परीक्षण अनिवार्य रूप से कराया जाना सुनिश्चित किया गया। यात्रियों और बस कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दृष्टिगत सभी चालकों के स्वास्थ्य परीक्षण का रिकार्ड ''चालक स्वास्थ्य परीक्षण कार्ड'' रखने की व्यवस्था की गयी, जो 05 वर्षों के लिए वैध होगा।
चालकों व परिचालकों की सुविधा हेतु ''स्मार्ट कार्ड'' बनाये जाने की व्यवस्था की जा रही है।बसों के सुरक्षित संचालन हेतु चालक नशे का प्रयोग न करें, इस हेतु समस्त डिपों एवं मार्ग निरीक्षक दल के पास ब्रेथ एनेलाइजर उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। तकनीकी एवं भौतिक रूप से स्वस्थ बसों के संचालन के दृष्टिगत 300 किमी0 से अधिक दूरी के मार्गों पर बस को संचालित किये जाने के पूर्व तकनीकी निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी। यह व्यवस्था निगम एवं अनुबंधित बसों पर समान रूप से लागू होगी। चालकों व परिचालकों की ड्यूटी के निर्धारण हेतु ''ड्यूटी साफ्टवेयर'' विकसित किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम के सभी ड्राइवरों को हर साल 2 जोड़ी मोजे और एक जोड़ी यूनिफार्म के साथ एक जोड़ी जूते देने का बड़ा फैसला लिया है। पहली बार ड्राइवरों को जूते दिये जाएंगे। जूतों से चालकों को बेहतर एवं आरामदायक ड्राइविंग सुनिश्चित करने के साथ ही सुरक्षित और नियंत्रित ड्राइविंग सुनिश्चित करने में चालकों की मदद होगी। इस फैसले से कुल 20255 ड्राइवर्स को फायदा होगा। प्रदेश सरकार ने क्षेत्रीय प्रबंधकों को इसके लिए अधिकृत करते हुए उन्हें 15 सितम्बर 2019 तक अच्छी गुणवत्ता और अच्छी कंपनी के जूते की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए यूपीएसआरटीसी मुख्यालय को 20 सितम्बर तक रिपोर्ट करने के निर्देश दिये हैं।
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