कोरबा(पाली) साभार कहने को तो अक्टूबर का महीना चल रहा है जहाँ शीत ऋतु की शुरुआत हो चुकी है।
लेकिन वर्तमान में एकाएक मौसम में आए परिवर्तन से बेमौसम बारिश व आसमान में छाए बदली तथा कभी एकाएक धूप की वजह से ठंडी और गरमी के झोल के बीच वायरल फीवर तथा संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ गई है।और सर्दी,खांसी,जुकाम व बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या रोजाना पाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखी जा रही है जो उपचार कराने पहुँच रहे है।अक्टूबर के इस महीने में सर्दी की आहट के साथ ही मौसम में परिवर्तन के फलस्वरूप कभी बारिश-बदली तो कभी धूप के कारण सर्दी,खांसी,जुकाम और बुखार के संक्रमण वायरल हो रहे है।ऐसे में ज्यादातर लोग इस वायरल की चपेट में आकर उक्त बीमारी से ग्रसित हो रहे है।इस संबंध पर खंड चिकित्साधिकारी पाली डॉ सीएल रात्रे ने बताया कि मौसमी बीमारियों के मूल कारकों पर ध्यान दिया जाए तो इन संक्रमण से बचा जा सकता है।जैसा कि वर्तमान बदलते मौसम में संक्रमण की स्थिति पैदा होकर वायरल की आशंका बढ़ जाती है।ऐसे में साफ़ सफाई के साथ गरम पानी का सेवन किया जाना वायरल व संक्रमण से बचाव का उपाय है।क्योंकि संक्रमण की स्थिति पैदा एवं वायरल का समय आते ही यदि पानी को उबालकर सेवन किया जाए तो इस मौसम में होने वाली सर्दी,खांसी,जुकाम व बुखार के साथ उल्टी-दस्त जैसी बीमारियां फैलने की संभावना लगभग ना के बराबर हो जाती है।क्योंकि गरम पानी पीने से संक्रमण के ज़्यादातर विषाणुओं का नाश हो जाता है।फिलहाल वायरल फीवर से ग्रस्त चिकित्सालय पहुँचने वाले ऐसे मरीजों को उचित उपचार के साथ पानी उबालकर सेवन करने की सलाह भी दी जा रही है।
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