नोएडा सेक्टर-36 इलाके से साइबर क्राइम की टीम ने विभिन्न बैंकों की फर्जी आईडी बनाकर करोड़ों रुपये के लोन कराने वाली फर्जी कंपनी संचालित करने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश तीन मुख्य सरगनाओं को गिरफ्तार किया है।
पुलिस प्रवक्ता ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक्सिस बैंक के अधिकारियो ने साइबर क्राइम थाना, सेक्टर 36 नोएडा पर धारा 419,420,467,468,471,489,120बी0 भादवि व 66,66डी,71,73,74 आईटीएक्ट के तहत दर्ज कराया था। तहरीर के अनुसार कुछ लोगो द्वारा फर्जी आधार कार्ड, पैनकार्ड और वोटर कार्ड आईडी बनाकर, विभिन्न बैंको में कंपनी के नाम से खाते खोलकर तथा इन कम्पनियों में काम करने वाले लोगो के फर्जी सैलरी खाता खुलवाकर बैंको से वाहन आदि के लोन लेकर बैंको को करोडो का फर्जीवाडा किया जाना बताया गया।
उन्होंने बताया कि इन कम्पनियों द्वारा लोन लेने वाले धारक को नामचीन कम्पनियों में कार्यरत दिखाया जा रहा था।
इस मामले का खुलासा करते हुए पुलिस महानिरीक्षक, साइबर क्राइम एवं पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम के निर्देशन में नोएडा के इस साइबर क्राइम थाने की पाॅच अलग-अलग पुलिस टीम गठित कर करोड़ो के हो रहे फर्जीवाडा का पर्दाफास करने के लिए निर्देशित किया गया था।
प्रवक्ता ने बताया कि गठित पुलिस टीम के द्वारा इलेक्ट्रानिक सर्विलांस एवं मुखबिर की सूचना के आधार पर गुरुवार को एडवान्ट टावर विजनैस पार्क सेक्टर. 142 नोएडा मे स्थित मे चल रहे फर्जी आफिसॅ पर छापा मारकर तीन मुख्य सरगनाओं फरीदाबाद हरियाणा निवासी अरिन्दम मैती उर्फ आशीष सिंह जो मूल रुप से पश्चिमी बंगाल का रहने वाला है के अलावा पलवल हरियाणा निवासी रवि कुमार उर्फ हरीश चन्द्र और फरीदाबाद हरियाणा निवासी मो0 शारिक को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से विभिन्न बैंकों के 127 डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड, 68 पैन कार्ड, 48
आधार कार्ड , 23 मोबाईल फोन ,कंम्पनियों और बैंकों की दस फर्जी मोहर, कार की आरसी, विभिन्न बैंकों की 127 चैक बुक, 14 बैंक पासबुक, 27 सिम कार्ड और अन्य कागजात बरामद किए गये।
प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्ता जालसाजों ने बताया कि गिरोह के लोग पहले एक्सिस बैंक में लोगों को लोन दिलाने का कई साल तक काम करते थे । उसके बाद इन लाेगों ने वर्ष 2017 में मिलकर अनाज मंडी सेक्टर-16, फरीदाबाद में दुकान में एक कम्पनी खोली जिसका प्रोपराइटर अरिन्दम मैती था। वह आम जनता को सस्ते दर पर लोन दिलवाने के लिए बुलवाता था। कम्पनी का कर्मचारी होने के कारण विभिन्न बैंको द्वारा आसानी से लोन पास करा दिया जाता था। इस तरह इन लोगों ने एक्सिस बैंक में करीब 21 लोगों के नाम पते से लगभग एक करोड 36 लाख रूपये का लोन कराया था। उसके बाद उन्होंने अपनी फजी कम्पनी बन्द कर दी और वर्ष 2018 में एडवान्ट टावर विजनैस पार्क सेक्टर. 142 नोएडा के सातवें तल पर इन्टिरियर डेकोरेशन में एक और कंपनी खोली ।
उन्होंने बताया कि उस कंपनी का रजिस्ट्रेशन हमने लोन के लिये आये ग्राहक राजेश और सुब्रमण्यिम नाम व्यक्तियों की मूल आई0डी0 को फर्जी तरीके से इस्तेमाल कर किया था। इन्टिरियर डेकोरेशन मात्र नाम के लिये था हमारा काम लोन लेने वाले जरूरतमंद लोगो को अपने यहाॅ का कर्मचारी बनाकर उसकी फर्जी आईडी व बैंक एकाउन्ट डिटैलस के आधार पर लोन दिलवाना ही था।
प्रवक्ता ने बताया कि गहनता से पूछताछ करने पर गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि बच्चों के एडमिशन के लिये जमा किये जाने वाले फार्म के साथ उनके परिजनों की आईडी भी जमा की जाती है, एडमिशन न हो पाने की स्थिति में इन फार्मो को आईडी के साथ कबाडियों को रद्दी के भाव बेच दिया जाता है जिन्हे हम लोग खरीदकर संलग्न आईडी मे दिये गये नम्बर का प्रयोग कर एवं आईडी पर चस्पा फोटो से मिलती जुलती फोटो अपने कार्यालय मे लगे कम्प्यूटर की मदद से गूगल सर्च इन्जन पर ''पासपोर्ट साईज फोटो'' लिखकर सर्च करते थे जिससे सेकडों की संख्या मे पासपोर्ट साईज फोटो स्क्रिन पर डिस्पले होने लगता था।
उन्होंने बताया कि उन्ही फोटो मे से मिलती जुलती फोटो छाॅटकर कम्प्यूटर, कलर्ड प्रिन्टर, कार्ड कटर ,लेमिनेशन मशीन की मदद से फर्जी आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पैन कार्ड तैयार कर लिये जाते थे और इसी नाम पते के व्यक्तियों को अपने यहाॅ कर्मचारी दिखाते हुये उनका विभिन्न बैंको में इन्ही फर्जी दस्तावेजो के आधार पर बैंक एकाउन्ट खुलवाया जाता था और उन खातो पर लोन ले लिया करते थे। बैंकों द्वारा उपरोक्त फर्जी नाम पते के व्यक्तियों का एक पता अपनी कम्पनी का दिया जाता था। जिसका वैरिफिकेशन बैंक कर्मियों द्वारा सरलता से कर, लोन देने की स्वीकृती प्रदान कर दी जाती थी। फर्जी नाम पते वाले व्यक्तियों के लोन होने के बाद वे कम्पनी बन्द कर देते थे।
प्रवक्ता ने बताया कि अब तक की पूछताछ में लगभग इस गिरोह के द्वारा एक्सिस बैंक से 09 करोड़ रूपयों का फर्जी लोन दिलवाया जा चूका है। इस गिरोह ने अब तक लगभग 5-5 करोड़ रूपये प्रति बैंक के हिसाब से अनुमानित लोन धनराशि 50-55 करोड़ रूपये की आंकी गयी है। गिरफ्तार आरोपियों को पूछताछ के लिए न्यायालय से पुलिस अभिरक्षा रिमाण्ड लिया जायेगा ।
0 टिप्पणियाँ