गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुधीर कुमार सिंह ने बातचीत में कहा, "फरार महिला इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान और उसके साथ फरार चल रहे आरोपी 5-7 अन्य पुलिसकर्मियों की तलाश में संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी जारी है."
एसएसएपी ने आगे कहा, "लक्ष्मी चौहान द्वारा घटना वाली रात अपराध में इस्तेमाल कार को गाजियाबाद रेलवे स्टेशन की पार्किंग में खड़ी मिल गई है. यह कार किसी धीरज भारद्वाज के नाम पर पंजीकृत है."
एसएसपी ने आगे बताया, "धीरज भारद्वाज कौन है? यह कार घटना वाली रात लिंक रोड थाने में लक्ष्मी चौहान के पास क्यों और कैसे पहुंची? इन तमाम सवालों के जबाव तलाशने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं."
उन्होंने एक सवाल के जबाब में कहा, "लावारिस हालत में खड़ी मिली सफेद रंग की कार सीसीटीवी में भी साफ-साफ नजर आ रही है. इसी कार में आरोपी और फिलहाल फरार चल रही लिंक रोड थाने की पूर्व महिला एसएचओ इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान, कुछ मातहत पुलिस वालों की मदद से सरकारी कार में लदे, लुटेरों से बरामद हुए लाखों रुपयों से भरे बैगों में से कुछ को पार्किंग से बरामद कार में रखती/रखवाती हुई साफ-साफ दिखाई दे रही हैं."
उल्लेखनीय है कि 24-25 सितंबर की मध्यरात्रि में लिंक रोड थाना (गाजियाबाद) की एसएचओ लक्ष्मी चौहान का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया था. इस फुटेज की बात आम होते ही यूपी पुलिस महकमे में कोहराम मच गया था.
कोहराम मचने की वजह थी, लिंक रोड थाने की एसएचओ रहते हुए इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान द्वारा करोड़ों रुपये लूटकांड में गिरफ्तार लुटेरों से बरामद रुपयों में से करीब 65-70 लाख रुपये के गबन की कोशिश. बाद में इस मामले में उसके खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और सरकारी महकमे में रहते हुए भ्रष्टाचार करने के आरोप में एफआईआर गाजियाबाद के एसएसपी द्वारा दर्ज करवाई गई थी. मामला दर्ज होने वाली रात से ही आरोपी महिला इंस्पेक्टर काले कारोबार में शामिल कई संदिग्ध मातहत पुलिसकर्मियों के साथ फरार है
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