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प्रदूषण रहित रावण दहन कार्यक्रम क्षेत्र की रामलीला कमेटियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए

 


प्रदूषण रहित रावण दहन कार्यक्रम


साहिबाबाद: सरस्वती शिशु मंदिर  में दशहरा कार्यक्रम व कन्या पूजन मनाया गया।


इसके  पर्यावरण सुरक्षा अभियान के तहत पटाखों रहित रावण का निर्माण किया गया जिसमें हवन सामग्री ,कपूर, कागज और घी का प्रयोग किया गया। पटाखों रहित रावण दहन का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण है रावण के पुतले को एक माला पहनाई गई जिसमें मनुष्य के अंदर उत्पन्न विकार काम ,क्रोध ,मद ,लोभ अंकित थे ।


इसके जरिए शिशुओं को यह संदेश दिया गया कि  हमें अपने अंदर के काम क्रोध मद लोभ नाम के रावण का भी अंत करना है। रावण दहन में हवन सामग्री का उपयोग किया गया जिसका उद्देश्य वातावरण को शुद्ध बनाना एवं बुराइयों रूपी रावण को समाज से दूर करना है पुतले में पटाखों के स्थान पर हवन सामग्री का उपयोग किया गया जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण एवं बच्चों में बचत व पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए पर्यावरण संरक्षण में भागीदार बनाना है शिशु मंदिर की वरिष्ठ आचार्या सुश्री चंचल जी, रेनू शर्मा जी तथा मीना सिंह जी द्वारा रावण निर्मित किया गया था।इस अवसर पर वैशाली महानगर प्रचारक श्रीमान वतन जी ,संघ कार्यकर्ता नवीन जी, विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य श्रीमान विशोक जी, प्रबंध समिति के व्यवस्थापक श्रीमान राधेश्याम गुप्ता जी और भाजपा की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की संयोजिका श्रीमती रूबी  अग्रवाल जी उपस्थित रहे। इस अवसर पर शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य श्रीमती शीतल सिंघल जी ने शिशुओं को यह संदेश दिया की हमको पटाखों का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।पटाखों के स्थान पर अगर हम हवन सामग्री का प्रयोग करेंगे तो हमारा पर्यावरण  शुद्ध होगा। कार्यक्रम के अंत में श्री राम जी के हाथों रावण का दहन कराया गया। सभी शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रहे |


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