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सरकार की बेरुखी के चलते गांधी जयंती को भी गांधीवादी तरीके से किसानों ने दिया धरना

गाजियाबाद: मंडोला विहार योजना से प्रभावित मंडोला समेत 6 गांव के किसान अपनी जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर 2 दिसम्बर 2016 से गांधीवादी तरीके अपनाकर धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं जिनका धरना आज भी जारी रहा। पीड़ित किसान अपनी अधिग्रहित जमीन का मुआवजा भूमि अधिग्रहण पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 से दिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं ।


आज धरनारत किसानो ने क्षेत्रीय विधायक नन्दकिशोर द्वारा विधान सभा में क्षेत्रीय मुद्दे उठाने का वीडियो सोशल मीडिया पर देखा व् समाचार पत्रो के माध्यम से विधायक जी द्वारा जारी विज्ञप्ति के माध्यम से छपी खबर को पढ़कर विधायक के प्रति अपनी नाराजगी व् तीन वर्षो से धरनारत किसानो का जिक्र विधानसभा में नही करने पर रोष प्रकट किया । 
गौरतलब है कि मंडोला ,नानू,पंचलोक,
अगरोला,नवादा ,मिलकबामला आदि गांव के किसान 2 दिसम्बर 2016 को भाजपा नेताओ ने किसान नेता मनवीर तेवतिया(भट्टा पारसोल) को किसान आंदोलन का नेतृत्व सौंपकर धरने पर बैठाया था गाजियाबाद से भाजपा सांसद जनरल वीके सिंह उनकी पुत्री मर्णाली सिंह,बागपत के सांसद  डॉ० सतपाल चौधरी समेत लोनी विधान सभा प्रत्याशी व् लोनी नगरपालिका अध्यक्ष मनोज धामा समेत समस्त कार्यकर्ताओ ने किसानो के धरने व् उनकी मांगों को जायज ठहराया था ।
 उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद को मोहरा बनाकर पूर्व की सरकारो द्वारा मंडोला समेत 6 गांव के किसानो की ऊपजाऊ एवं बहुफसलीय 2614 एकड़ जमीन का अधिग्रहण आपात स्थिति में जमीन की आवश्यकता दिखाकर अधिग्रहण अधिनियम की आपातकालीन धारा 17 को पूर्व की सरकारो द्वारा मंजूरी देकर कराया गया था ।
   क्षेत्रीय भाजपा नेताओ ने असंवेधानिक तरीके अपनाकर किये गए अधिग्रहण की आवाज बुलंद करने के लिए किसानो को जागरूक करके धरने पर बैठाया और वर्तमान विधायक नन्दकिशोर गुर्जर व् अन्य क्षेत्रीय भाजपा नेताओ ने भरोसा दिलाया कि  केंद्र में भाजपा की सरकार है यदि प्रदेश में भी भाजपा की सरकार बन गई तो धरनारत किसानो को उनका अधिकार दिलाने के बाद ही लखनऊ से घर वापसी करेंगे ।
लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद नवनिर्वाचित भाजपा विधायक नन्द किशोर गुर्जर ,सांसद एवं केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह व् भाजपा जिला अध्यक्ष बसन्त त्यागी समेत समस्त भाजपा नेताओ ने धरने पर बैठे किसानो से किनारा कर लिया । किसान आज भी अपनी मांगों को लेकर सत्याग्रह आंदोलन पर बैठे हैं धरनारत किसान विधायक से उम्मीद कर रहे थे कि जैसे ही मौका मिलेगा  विधायक जी द्वारा विधानसभा में उनका मुद्दा जरूर उठाया जायेगा लेकिन विधायक जी द्वारा किसानो के धरने या उनकी मांगों से सम्बंधित एक भी शब्द नही बोला गया जिससे किसानो ने अपने विधायक के इस बर्ताव को लेकर अपना रोष प्रकट किया । आज किसानो के धरने पर अपने विधायक द्वारा गांधी जयंती के दिन विधानसभा में किसानो के गांधीवादी सत्याग्रह आंदोलन का जिक्र न किये जाने पर चर्चा होती रही । सैकड़ो महिला व् पुरुष भी धरने पर उपस्थित रहे ।


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