उत्तराखंड में अब चुनाव खत्म हो गए हैं। जो भी कर्मठ ,जुझारू, तथा इमानदार प्रत्याशी थे उन्हें जनता ने अब जिता दिया है और जो नहीं थे उन्हें हरा दिया है।
अब जनता का जीते हुए प्रत्याशियों से अनुरोध है कि वह अपने अपने क्षेत्र में विकास की ओर अग्रसर होकर प्रस्थान करें। अच्छी अच्छी नीतियां बनाए जिससे जनता को फायदा हो। क्योंकि अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर खत्म हो चुका है अब बारी है विकास की। अब देखना है कि ईमानदार जुझारू कर्मठ जीते हुए प्रत्याशी अपने क्षेत्रों का कितना विकास करते हैं। क्योंकि उत्तराखंड का विकास तभी हो सकता है जब ग्राम प्रधान ,क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख सब मिलकर काम करें तभी ग्रामों का विकास हो सकता है।जितनी ताकत प्रत्याशियों ने जितने में लगाई इससे आदि ताकत अगर आप ग्राम विकास में लगाएंगे तो हमारा उत्तराखंड का विकास मॉडल ही अलग होगा। इस बार जो त्रिवेंद्र रावत सरकार ने 50% आरक्षण देकर, ग्राम पंचायत की कमान महिलाओं के हाथ में दी है अब देखना है कि महिला शक्ति उत्तराखंड का कितना विकास कर सकती है । अब महिलाओं को साबित करना है कि वह इस कसौटी पर कितना खरा उतरते हैं उन्हें यह भी साबित करना है कि क्या त्रिवेंद्र रावत सरकार सही थी महिलाओं को 50% आरक्षण देकर। जीते हुए प्रत्याशी कितना जनता को फायदा दिला सकते हैं सरकार की नीतियों का ।यह इन 5 सालों में देखना है। हमेशा सरकार को ही कोसते रहते हैं प्रत्याशी भी इस बार खुद भी कुछ अलग करना होगा ।
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