नई दिल्ली।केन्द्र व दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियों के खिलाफ की जा रही साजिश के खिलाफ पश्चिमी दिल्ली के विकास नगर में मुकेश शर्मा ने बड़ी सभा को सम्बोधित किया।
डीडीए के साथ-साथ निजी कम्पनियां को मालिकाना अधिकार देने का प्रमाण पत्र बांटने का काम देना गैर कानूनी है- मुकेश शर्मा
नई दिल्ली, 15 दिसम्बर, 2019 - केन्द्र व दिल्ली सरकार की मिलीभगत से अनाधिकृत कालोनियों के खिलाफ की गई साजिश से गुस्साऐं लोगों ने आज दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता श्री मुकेश शर्मा की मौजूदगी में दोनो सरकारों के खिलाफ इन कालोनियों के मुद्दे पर सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित किया।
ज्ञातव्य है कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री सुभाष चोपड़ा के नेतृत्व में पार्टी ने भाजपा व आप पार्टी के खिलाफ हल्ला बोल रखा है। केजरीवाल सरकार की स्वीकृति से केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा अनाधिकृत कालोनियों के नियमन व मालिकाना अधिकार देने संबधी विधेयकों में शामिल जनविरोधी धाराओं व नीतियों के खिलाफ पूरी दिल्ली में लोग लामबंद हो रहे है। पश्चिमी दिल्ली के विकास नगर में उसी कड़ी मे ंआज भारी संख्या में अनाधिकृत कालोनियों के प्रतिनिधि इक्ट्ठे हुए है इससे पूर्व दक्षिणी दिल्ली के लोगों ने डीडीए के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन भी किया।
इस बड़ी सभा को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता श्री मुकेश शर्मा ने सम्बोधित करते हुए आरोप लगाया कि जहां एक ओर इन कालोनियों के लोगों पर दोनो सरकारों ने मिलकर मकानों को तोड़ने की साजिश रची है वहीं दूसरी ओर डीडीए को रिश्वत लेने का खुला लाईसेंस भी दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम, पुलिस व दिल्ली सरकार से राजस्व विभाग से पहले से त्रस्त इन कालोनियों के लोगों पर जबरन डीडीए को थोपना सोची समझी साजिश का हिस्सा है।
श्री मुकेश शर्मा ने केन्द्र के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा इन कालोनियों को मालिकाना हक देने के लिए खोले गए पोर्टल पर तंज कसते हुए कहा कि यह पहला मौका है जब भारत सरकार ने 4 निजी कम्पनियों को मालिकाना अधिकार देने संबधी पत्र देने के लिए अधिकृत किया है। उन्होंने शहरी विकास मंत्री श्री हरदीप पुरी से पूछा कि क्या अब डीडीए के साथ-साथ इन निजी कम्पनियों को भी इन कालोनियों के लोगों रिश्वत देनी पड़ेगी।
श्री मुकेश शर्मा ने केजरीवाल सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 700 से अधिक अनाधिकृत कालोनियों को उजड़ाने संबधी विधेयक की धारा 7ए दिल्ली सरकार की स्वीकृति से विधेयक में शामिल की गई है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि मेरे पास वो दस्तावेज मौजूद है जिसमें दिल्ली सरकार ने बकायदा इसकी लिखित स्वीकृति दी है। उन्होंने स्पष्ट रुप से कहा कि कांग्रेस को यह शर्तेर् मंजूर नही है। उन्होंने आज फिर दौहराया कि स्व0 श्रीमती इंदिरा गांधी जी के कार्यकाल में जिन शर्तां पर कालोनियां नियमित की गई थी उन्हीं शर्तां पर 1731 कालोनियों को नियमित किया जाए।
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