Hot Posts

6/recent/ticker-posts

भाजपा सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम से पूरे देश को आंदोलित कर दिया है : अखिलेश यादव

 लखनऊ।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम से पूरे देश को आंदोलित कर दिया है। देश में अराजकता व्याप्त है। युवा पीढ़ी अपने भविष्य को लेकर डर गई है और बुरी तरह आशंकित है। लोकतंत्र में यह स्थिति खतरनाक है।


     श्री यादव ने आज पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में एकत्र पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर शैक्षणिक एवं सामाजिक अव्यवस्था है। छात्र-छात्राओं की आवाज दबाने के लिए लाठीचार्ज, आंसूगैस का बल प्रयोग किया जा रहा है। भाजपा सरकार की निर्दयता और निर्ममता का ही दुष्परिणाम है कि अब पुलिस प्रशासन छात्राओं के साथ भी दुव्र्यवहार करने में कोई संकोच नहीं करता है। यह कैसी भाजपा सरकार है जहां किसी का जीवन और सम्मान भी सुरक्षित नहीं है?
     हकीकत में बात कुछ और है। बिजनौर में श्री सीजेएम की कोर्ट में ही दिनदहाड़े गोली चल गई और एक अभियुक्त मारा गया। खुद मजिस्ट्रेट साहब ही बाल-बाल बचे। कानून व्यवस्था की इससे बड़ी खतरनाक स्थिति और क्या हो सकती है? क्या इसके लिए मुख्यमंत्री जी के पास कोई जवाब है अथवा नही?
     जबसे भाजपा सरकार बनी है निर्दोषों का फर्जी अपराधिक धाराओं में फंसाकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। थानों में पीड़ित की सुनवाई नहीं होती है। उन्हें अपमानित किया जाता है। अल्पसंख्यकों की तरह ही किसानों, गरीबों, नौजवानों और महिलाओं को भी उत्पीड़न का शिकार बनाया जाता है। राज्य के हालात चिंतनीय हो चले हैं।
     भाजपा समाज में नफरत और परस्पर विभेद फैलाने में जुटी है। वह अपनी राजनीति सत्ता के दबाव और धमकी के सहारे करना चाहती है। राष्ट्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। दमनकारी नीतियों के चलते स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों की भी अवमानना करने में भाजपा को हिचक नहीं। यह कैसा राष्ट्रवाद है?
     भाजपा की रणनीति अनावश्यक मुद्दों में जनता को उलझाने की है। यह संविधान के विरूद्ध साजिश हो रही है। भाजपा कुटिलता से लोगों को गुमराह करने में लगी हुई है। लेकिन अब उसके दिन गिने चुने रह गए हैं। भाजपा सरकार के अन्याय को जनता बर्दाश्त के लिए तैयार नहीं है।                                       


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ