प्रयागराज: नागरिकता संशोधन कानून पर मचे बवाल के चलते उत्तर प्रदेश के कई शहरों में इंटरनेट सेवाएं बाधित किये जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने इंटरनेट सेवाएं बाधित करने के मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने सरकार से अगले कार्य दिवस पर हलफनामे के जरिये अपना जवाब दाखिल करने को कहा है!
हालांकि अदालत ने प्रभावित जगहों पर इंटरनेट सेवाएं फौरन बहाल किये जाने का कोई आदेश नहीं दिया है मामले की सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस गोविंद माथुर की कोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि इंटरनेट आम लोगों की जिंदगी से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है और इसकी सेवाएं बंद होने से न सिर्फ कई जरूरी सेवाएं प्रभावित हुई हैं, बल्कि आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ है. अदालत ने इस मामले में कहा है कि इंटरनेट जैसी सेवाएं बेहद विपरीत परिस्थितियों में ही बंद होनी चाहिए इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडेय और सीनियर एडवोकेट रवि किरण जैन समेत कई दूसरे वकीलों ने चीफ जस्टिस के कोर्ट में उपस्थित होकर उन्हें इंटरनेट सेवाएं बंद होने की जानकारी दी और इससे लोगों को हो रही परेशानियों के बारे में बताया. अदालत ने इस पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर उससे जवाब-तलब किया।
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