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नियमों को दरकिनार कर केआरपी का हुआ चयन, भ्रष्टाचार का खुलासा करने पर मिल रही है धमकियां

गोरखपुर ब्यूरों । प्राथमिक व जूनियर स्तर के सरकारी स्कूलों में पढ़ाये जाने वाले अंग्रेजी ,गणित, हिंदी, विज्ञान एवं सामाजिक विषयों में स्नातक करने वाले शिक्षकों को केन्द्र सरकार द्वारा निष्ठा योजना के तहत प्रशिक्षक (केआरपी एवं एसआरपी) के लिए चयनित किया गया है । इस चयन प्रक्रिया पर ही सवाल उठाते हुए क्षेत्र के एक आवेदित शिक्षक ने जिलाधिकारी को पत्र देकर पूरे चयन प्रक्रिया का जांच कराने की मांग की है ।


क्षेत्र के जूनियर हाईस्कूल बनकट के शिक्षक महेन्द्र कुमार पटेल ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा पूरे देश भर के कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक के विद्यालयों के शिक्षा स्तर में गुणात्मक सुधार के लिए एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण पकार्यक्रम (NISHTHA) योजना लागू किया है ।इसे दो भाग में  केआरपी तथा एस आर पी  में बांटकर  चयनित शिक्षकों को  बनारस में प्रशिक्षण दिया जायेगा।ये प्रशिक्षक वाराणसी डायट से प्रशिक्षण प्राप्त करके ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर ब्लॉक के समस्त शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इस योजना के तहत गोरखपुर जनपद से के आर पी के तहत 40 शिक्षक तथा एस आर पी में 8 शिक्षकों का चयन निर्धारित मानक के विपरित कर लिया गया है ।
   श्री पटेल ने आरोप लगाया कि डायट गोरखपुर व एस सी ई आर टी के जिम्मेदारों ने शासनादेश में दिए गए  निर्धारित मानकों की उपेक्षा कर शिक्षकों का चयन प्रशिक्षण के लिए बिना प्रवेश परीक्षा कराये ही कर लिया है । उन्होंने बताया कि जो मानक के मूल अंश है उसमें आवेदन करने वाले शिक्षक को पांच साल पढ़ाने का अनुभव हो । शिक्षक के कार्यरत स्कूल में कम से कम 100 छात्रों की संख्या हो ,उम्र सीमा 28 से 50 वर्ष , हिंदी, अंग्रेजी,गणित , विज्ञान,तथा सामाजिक विषय  में स्नातक किया हो आदि शर्ते पूरा करने वाले शिक्षक ही आवेदन हो सकते हैं । सबसे बड़ी बात यह है आवेदन करने वालों की परीक्षा डायट और एससीआरटी  द्वारा होनी थी।पास होने वाले शिक्षक ही प्रशिक्षण के लिए चयनित किया जाना था । लेकिन जिम्मेदारों ने शासन के नियमों के विपरित अपने चहेतों का चयन कर लिया।जिनको  10 दिसंबर से बनारस डायट में प्रशिक्षण दिया जाना शुरू भी हो गया है। 
 यह सारा खेल अपने चहेतों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए डायट में प्रभावी शिक्षकों एवं अधिकारियों द्वारा किया गया है। विदित हो कि इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षक केआरपी एवं एसआरपी पर प्रतिदिन 1000 रुपये व्यय करने हेतु शासन से बजट जारी कर दिया गया है।इसी क्रम मे महेंद्र कुमार पटेल ने सवाल उठाया कि शासनादेश में दी गयी चयन प्रक्रिया की अवहेलना करते हुए चयनित अयोग्य शिक्षक बाद में बीआरसी पर अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित कैसे  कर पायेंगे?


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