शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए जिला शुल्क नियामक समिति की ओर से फीस बढ़ोतरी पर निर्णय ले लिया गया है। बैठक में तय किया गया है कि निजी स्कूल नए सत्र में 7.88 फीसदी से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकते हैं। इस दौरान पांच स्कूलों के प्रकरण पर सुनवाई भी की गई है। इस बैठक में निजी स्कूलों में फीस निर्धारित करने के लिए शासन की ओर से तय फार्मूले के आधार पर आंकलन किया गया। इस फार्मूले के अनुसार 7.88 फीसदी मूल फीस बढ़ोतरी का होना तय किया गया है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नए सत्र में यदि निजी स्कूलों के खिलाफ समिति के तय मानक से अधिक फीस बढ़ाए जाने की शिकायत सामने आती है तो उनपर समिति के नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी व समिति के अध्यक्ष बीएन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. नीरज कुमार व निजी स्कूल के प्रतिनिधि व अभिभावक संघ के नियुक्त प्रतिनिधि शामिल रहे। बैठक के दौरान फीस बढ़ोतरी के अलावा निजी स्कूलों के खिलाफ सामने आईं शिकायतों पर भी सुनवाई हुई। इस सुनवाई पर संबंधित स्कूल के प्रतिनिधियों के साथ ही शिकायत करने वाले अभिभावक भी शामिल हुए। समिति की ओर से मॉर्डन स्कूल पर हुई सुनवाई पर तय किया गया है कि स्कूल प्रशासन मोबाइल संदेश का अभिभावकों से उतना ही शुल्क वसूल करेगा जितनी उन्होंने सेवाएं दी हैं। अभिभावकों का आरोप है कि अप्रैल से शुल्क वसूल किया गया है, जबकि सुविधा उन्हें तीन महीने बाद मिलनी शुरू हुई है। समिति की ओर से निजी स्कूलों के खिलाफ आई शिकायत पर अब तक 21 स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। इनसे 18 लाख जुर्माना भी वसूला गया है। इस बैठक में 5 स्कूलों को बुलाया गया था। इनमें बिलाबांग हाई इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-50 स्थित रामाज्ञा स्कूल, नोएडा मॉर्डन पब्लिक स्कूल शाहबेरी, मॉडल स्कूल सेक्टर-11 व रायन स्कूल नोएडा एक्सटेंशन शामिल रहे। बैठक में शामिल स्कूलों ने समिति को जानकारी दी कि उनपर विभिन्न शिकायतों के आधार पर लगे अर्थदंड को उन्होंने जमा करा दिया है !
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