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पर्यावरण व प्रदूषण की महाविनाशक स्थिति का कारण मनुष्य की अज्ञानता व स्वार्थ है: महेन्द्र भाई

संस्कारित एवं देशभक्त युवकों को राष्ट्र रक्षा के लिये तैयार रहना होगा : डॉ.आर के आर्य


गाजियाबाद:  ए.टी.एस. आर्य परिवार द्वारा सोसायटी के मन्दिर प्रांगण,इन्दिरापुरम में पर्यावरण प्रदूषण शुद्धि व राष्ट्र की सुख समृद्धि हेतु बहुकुण्डीय महायज्ञ भव्यता के साथ पं. महेन्द्र भाई जी के ब्रह्मत्व में सम्पन्न हुआ।


भजनोपदेशिका स्वर कोकिला श्रीमती सुदेश आर्या,पूर्णिमा शर्मा व श्री हरवीर सिंह चौधरी,दीना नाथ नागिया,विवेकानंद आर्य जी के ईश्वर भक्ति व देशभक्ति के गीतों को सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।


राष्ट्रीय योग शिक्षक श्री सौरभ गुप्ता के नेतृत्व में आर्य युवकों व आर्य युवतियों द्वारा भव्य व्यायाम प्रदर्शन किया गया जोकि समारोह में आकर्षण का केन्द्र रहे।


 यज्ञ के ब्रह्मा श्री महेंद्र भाई ने यज्ञ उपरांत युवा पीढ़ी को संबोधित करते हुये कहा कि यज्ञ से त्याग व उपकार की भावना जागृत होती है,उन्होंने आगे कहा कि आज समस्त पृथ्वी के राष्ट्र जिस जान लेवा महाविनाशकारी पर्यावरण प्रदूषण की समस्याओं से ग्रसित हैं,हम मनुष्यों ने ही अज्ञान,स्वार्थ, आलस्य,प्रमाद आदि के कारण उत्पन्न की है,उन्होंने अनुग्रह के साथ सभी को वेद भगवान की आज्ञाओं का पालन,ऋषियों, महापुरुषों के निर्देशानुसार नित्य श्रद्धापूर्वक यज्ञ क्रिया को अपनी दिनचर्या का अनिवार्य अंग बनाने पर बल दिया उन्होंने आगे कहा कि ईश्वर ने मनुष्य को सभी पदार्थ सदुपयोग करने के लिये दिए हैं,उनका दुरुपयोग न करें अन्यथा दुःख भोगने होंगे।इसलिये पंच दैनिक नित्य कर्मों को अंगीकार करें तथा अपने परिवार,समाज, राष्ट्र तथा विश्व में पैदा महाविनाशकारी पर्यावरण- प्रदूषण से मुक्त होकर समस्त जगत को "सर्वे भवन्तु सुखिनः" का सन्देश दे सकेंगे।


सेवा सदन के महामंत्री श्री मंगल सिंह चौधरी जी ने कहा कि चरित्रवान युवक ही राष्ट्र विरोधी ताकतों का मुकाबला कर सकते हैं क्योंकि चारित्रिक बल  सबसे बड़ा बल होता है।युवकों को जीवन मे समयबद्धता, अनुशाशन,माता पिता के आज्ञाकारी,आत्मविश्वासी,संकल्पवान ओर देशभक्त होना चाहिये।


इस अवसर पर परिषद के प्रांतीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि धर्म समाज को जोड़ता है,तोड़ता नही,वैदिक धर्म सर्वे भवन्तु सुखिनः की बात करता है।पारिवारिक सद्भावना के बिना जीवन सफल नहीं हो सकता, समाज का उत्थान-राष्ट्र का उद्धार नहीं हो सकता।श्रेष्ठ संस्कारों से ही युवा पीढ़ी उत्थान के शिखर पर पहुंच सकती है।


 समारोह के मुख्य अतिथि  डॉ आर के आर्य  ने कहा कि सदा से ही युवा पीढ़ी समाज सुधार करती आई है ओर आज भी करना होगा समाज में फैली हर बुराई को दूर करने का बीड़ा उठाना होगा । अब चाहे वे बुराईयाँ  दैहिक हों,दैविक हों,मानसिक हों, सामाजिक हों,भौतिक हों या फिर  राजकीय हों,आज कल के युवकों को हम शिक्षा तो दे रहे हैं पर दिशा नहीं आज युवकों को सही दिशा का ज्ञान अपने कर्तव्यों का ज्ञान सुचारू रूप से होना बहुत आवश्यक है।उन्होंने कहा कि संस्कारित एवं देश भक्त युवकों को राष्ट्र रक्षा के लिये तैयार रहना होगा।


जिला अध्यक्ष श्री यज्ञवीर चौहान जी ने कहा कि आज फिर समाज में पाखंड और अन्ध विश्वाश बढ़ रहे है जिसका भोले भाले लोग शिकार हो जाते है आर्य जनो को चाहिए की वो समाज में इन बुराइयों को दूर करने के लिए मैदान में आगे आएं।


समारोह अध्यक्ष श्री विनोद त्यागी ने कहा की हर मनुष्य की इच्छा यही होती है कि मैं सुखी रहूं, बाह्य से अंतर्मुखी होना परमात्मा व आत्मा हमारे अंदर हैं वहीं उसका मिलन हो सकता है, परमात्मा आनंद स्वरूप है, वास्तविक आनंद प्राप्त वहीं प्राप्त हो सकता है।


 समारोह के मंच का कुशल सञ्चालन श्री अभिषेक गुप्ता ने किया। 


समारोह को सफल बनाने में  सर्वश्री सुरेश आर्य योगेश गुप्ता,आनंद प्रकाश गुप्ता,एम एल अग्रवाल,ज्ञानेश्वर दास, प्रेम प्रकाश अग्रवाल,विजय छाबड़ा, स्वतंत्र गुप्ता, अशोक जोहरी, विजय राय,दिनेश गर्ग,कमल गोयल एवं श्रीमती कौशल्या देवी,उर्मिला वल्लभ,वेद रुहेला एवं कविता जी का पूर्ण सहयोग रहा।


 कार्यक्रम के संयोजक श्री देवेन्द्र गुप्ता जी ने समारोह में सम्मिलित हुए विद्वानों व श्रद्धालुऔं का हृदय की गहराइयों से  आभार व्यक्त किया।
शांतिपाठ व ऋषिलंगर के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।


 


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