साम्प्रदायिक सौहार्द के प्रतीक थे स्वामी श्रद्धानन्द*--राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गाजियाबाद: स्वामी श्रद्धानन्द जी साम्प्रदायिक सौहार्द के प्रतीक रहे,वह ऐसे इतिहासिक व्यक्ति रहे जिन्होंने गैर मुस्लिम होते हुए भी जामा मस्जिद के मिम्बर से वेद मंत्रों के साथ हिन्दू मुस्लिम एकता का संदेश दिया।महिलाओं की शिक्षा के लिए उन्होंने सबसे पहले कन्या महाविद्यालय की स्थापना जालन्धर में की।उन्होंने ही गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार की स्थापना करके गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति को पुनर्जीवित किया ।
आजादी की लड़ाई में भी उनका उल्लेखनीय योगदान रहा रौलट एक्ट के विरुद्ध निकले जलूस का चांदनी चौक घंटाघर पर नेतृत्व किया और अंग्रेजी सैनिकों को चुनौती दी,आज उनके 93 वे बलिदान दिवस पर कृतज्ञ राष्ट्र उन्हें नमन करता है।केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने यह विचार *शम्भू दयाल वैदिक संन्यास आश्रम,दयानन्द नगर गाजियाबाद* में आयोजित विचार गोष्ठी में व्यक्त किए।
डॉ.आर के आर्य (निदेशक स्वदेशी आयुर्वेद,हरिद्वार) ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द जी ने ही घर वापसी के लिए शुद्धि आंदोलन की शुरुआत की और जो लोग किसी कारण से मुस्लिम या ईसाई बन गए थे उनके लिए घर वापसी का मार्ग प्रशस्त किया।
आर्य नेता माया प्रकाश त्यागी ने कहा कि महर्षि दयानंद के बाद स्वामी श्रद्धानंद ने ही उनके मंतव्यों का प्रचार प्रसार किया।
भजोपदेशक श्री ओमपाल शास्त्री,नरेश आर्य,राज कुमार शास्त्री व श्रीमती प्रवीन आर्या आदि ने अपने गीतों के माध्यम से श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
स्वामी श्रद्धानंद व्यक्तित्व व कृत्तत्व पर आयोजित विचार गोष्ठी की अध्यक्षता स्वामीचंद्र वेश जी ने की उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति के द्वारा देश का विकास नहीं हो सकता,बच्चों में संस्कार व हमारी संस्कृति की रक्षा गुरुकुलीय पद्धति से ही हो सकती है,राष्ट्र की रक्षा ब्रह्मचर्य से होगी।उन्होंने आगे बताया कि स्वामीजी ने कहा है चाहे जीवन मे सुख हो चाहे दुख हो लाभ हो या हानि हो जीवन में कुछ प्राप्त हो या न हो सत्य को कभी मत छोड़ो,स्वामी श्रद्धानन्द के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम अपने जीवन में परमात्मा के प्रति श्रद्धा रखें और आर्य समाज के उत्थान में अपना तन-मन और धन लगा दें।
आर्य नेता श्री ज्ञानेन्द्र सिंह आर्य का आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश का मन्त्री बनने पर विचार गोष्ठी में पुष्प-माला,पीत-वस्त्र ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह देकर भव्य स्वागत किया,उन्होंने परिषद का इस आयोजन करने पर अधिकारिओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि आर्य प्रतिनिधियों ने जो मुझे उत्तर प्रदेश का दायित्व सौंपा है उसे पूर्ण निष्ठा के साथ निभाउंगा तथा ऋषि दयानन्द व स्वामी श्रद्धानंद के मिशन वेद-प्रचार-प्रसार, गुरुकुलीय शिक्षा को सभा द्वारा बढ़ावा दूंगा।उन्होंने स्वामी श्रद्धा नंद जी के आदर्शों को जीवन में धारण करने का आह्वान किया।
आर्य केन्द्रीय सभा के प्रधान चौ.सत्यवीर ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द जी का जीवन भटकते लोगों के लिये प्रकाश पुंज के समान है।हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर देश की एकता अखंडता के लिये कार्य करना चाहिए,यह गर्व की बात है कि आर्य समाज के लोगों में देश भक्ति का जज्बा कूट कूट कर भरा हुआ है जो अत्यंत प्रशंसनीय है।
आचार्य राम निवास शास्त्री ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द राष्ट्रीय एकता और अखण्डता की ज्वलंत मिसाल थे।स्वामी श्रद्धानन्द ने विश्व बंधुत्व का जो संदेश हम सबको दिया तथा नैतिकता का पाठ पढ़ाया वह केवल भारत के पास है,पूरे विश्व मे ओर कहीं नहीं मिलेगा।
श्री श्रद्धानन्द शर्मा ने बताया की हमें जो विचार महर्षि दयानन्द ओर स्वामी श्रद्धानन्द जी ने दिए हैं उसे आज जीवन में लागू करने की आवश्यकता है,उनके बलिदान दिवस पर उन्हें याद करने का अर्थ है सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना आपसी भाई चारे से समाज व देश को मजबूत बनाएं,यही महापुरुषों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है।स्वामी श्रद्धानन्द जी ने गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को पुनः जीवित किया व समान शिक्षा पद्धति को बढ़ावा दिया यही उनकी कथनी और करनी की समानता का प्रेरक उदाहरण है।
मंच संचालक व संयोजक प्रवीण आर्य (प्रान्तीय महामंत्री केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश) ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद कहते थे यदि आपकी परमपिता परमात्मा में पूर्ण श्रद्धा है तो भगवान आपके सारे कार्य पूर्ण करेंगे।
जिला अध्यक्ष श्री यज्ञवीर चौहान ने दूर दराज से पधारे आर्य प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्रीय आर्य युवक परिषद द्वारा जिला गाजियाबाद योग प्रतियोगिता- 2020 शनिवार,4-01-2020 को प्रातः 9 से बाद दोपहर 2-30 बजे तक पांडव नगर स्थित स्कोलर्स इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित की जायेगी।
इस अवसर पर सर्वश्री आश्रमाचार्य प्रेम पाल,डॉ वीर पाल विद्यालंकार,सुरेश आर्य, प्रमोद चौधरी,के के यादव,देवेन्द्र गुप्ता,चौ.मंगल सिंह,ममता चौहान आर्या, रामकुमार सिंह आर्य,विजय गर्ग आर्य,त्रिलोक शास्त्री,गौरव गुप्ता आदि ने भी अपने विचार रखे।
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