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आइ॰ बी॰ सी॰ एस॰ और जनजाति मंत्रालय के सहयोग से होगा 3 दिवसीय भव्य पौष मेला 2020 का आयोजन

 गाजियाबाद :मलय मजूमदार, अध्यक्ष (IBCS) पौष मेला 2020 के संरक्षक) निर्मल वैद (अध्यक्ष, AIFTA), आचार्य मुकेश  (अंतर्राष्ट्रीय योग गुरु), और  राजीव चक्रवर्ती (प्रसिद्ध कलाकार), ने आधिकारिक तौर पर 3 दिनों के सांस्कृतिक उत्सव "पौष मेला 2020" के पोस्टर और प्रेस रिलीज़ का शुभारंभ किया। पौष मेले का आयोजन IBCS इंदिरापुरम व जनजातीय मंत्रालय, सांस्कृतिक मंत्रालय, अखिल भारतीय लोक और आदिवासी परिषद, परिधि कला समूह, ICMEI के सहयोग से किया जा रहा है।


यह उत्सव 10 से 12 जनवरी, 2020 तक शिप्रा मैदान, इंदिरापुरम, गाजियाबाद, यूपी में आयोजित किया जायेगा। IBCS के अध्यक्ष । मलय मजूमदार ने कहा कि यह मेला ग्रामीण बंगाल के वास्तविक रंग, रंग और आकर्षक स्वरूप में प्रदर्शित करता है। इस अवधारणा जन्म 19 वीं शताब्दी में टैगोर, द्वारा शांतिनिकेतन की भूमि पर हुया था। पौष मेला बंगाल की सांस्कृतिक धरोहर और विरासत को प्रदर्शित करता है।


 


इस अवसर पारंपरिक पोशाक पहने प्रसिद्ध लोक कलाकारों द्वारा आदिवासी गीत, नृत्य और कला निश्चित रूप से आपको रोमांचित करेंगे। लोक संगीत का जीवंत प्रदर्शन, जनजातियों के भटकने वाले टकसाल ग्रामीण भारत के संगीत जीवन को प्रतिध्वनित करेंगे।


 


यह एक ऐसी जगह होगी जहाँ आपको ग्रामीण भारत की हर चीज़ मिल जाएगी जिसमे मिट्टी के बने सामान, टेराकोटा से बनी बैंड की मूर्तियाँ, सुंदर और कभी न टूटने वाले जूट के बैग, सैंडल, घर की सजावट का सामान, हस्तशिल्प, बाटिक प्रिंट , सुरुचिपूर्ण कंथा और तांत की साड़ियाँ, स्टोल और कपड़े, स्टेटमेंट बनाने वाले बांस के उत्पाद और ग्रामीण भारत के कारीगरों और कारीगरों की एक विस्तृत श्रृंखला। इसमे मधुर, नमकीन और मसालेदार व्यंजनों के साथ पौष्टिक मेले में कई तरह के भोजन स्वादिष्ट "पाती सप्त" शामिल हैं, जो निश्चित रूप से ग्रामीण भारत के अन्य प्रथागत व्यंजनों के साथ-साथ आपकी स्वाद कलियों को भी प्रभावित करेंगे।


 


 निर्मल वैद ने कहा कि यह मेला न केवल बंगाल से, बल्कि भारत के अन्य हिस्सों से भी विभिन्न जनजाति कला, शिल्प, हस्तशिल्प और सांस्कृतिक वाद्ययंत्रों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। कई कलाये और सांस्कृतिक गतिविधियों के अलावा, त्योहार का ग्रामीण स्पर्श इसे मौसम की सबसे लोकप्रिय और अनूठी घटना बनाता है।


 


आचार्य मुकेश ने कहा कि इस सांस्कृतिक कार्निवल में कई नामचीन कलाकार, राजनेता, मशहूर हस्तियां और प्रख्यात व्यक्तित्व शामिल हो रहे हैं। यह मेला विभिन्न कलाओं, शिल्प, हस्तशिल्प, सांस्कृतिक वाद्ययंत्रों और कई लाइव कार्यशालाओं और प्रतियोगिताओं को प्रदर्शित करने का अवसर भी प्रदान करता है। कई सांस्कृतिक गतिविधियों के अलावा फूड स्टॉल भी इस पौष मेले का एक अभिन्न हिस्सा बनने जा रहे हैं जहाँ आप अपने स्वानुसार कई मीठे, नमकीन और मसालेदार स्वादिष्ट व्यंजन का मजा ले सकते हैं। अपने दोस्तों और परिवारों के साथ आप पौष मेला कई और मजेदार गतिविधियों के के साथ साथ जनजाति की लोक कलाओं और नृत्य आनंद भी ले सकते हैं।


 


अंत मे  राजीव चक्र्बर्ती ने बताया की यह उत्सव भविष्य मे भारत की विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के सही विलय के लिए भी जाना येगा जो आगे चल कर भारत में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को बड़वा देगा। कार्यक्रम के संयोजक एनी मंडल भी मौजूद रहे


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