गाजियाबाद :न्यायिक व्यवस्था तिहाड़ जेल प्रशासन व दिल्ली सरकार की वजह से फांसी के फंदे से बच रहे हैं निर्भया कांड के दोषियों को बचाने के लिए किसी हद तक दिल्ली के मुख्यमंत्री भी जिम्मेदार हैं क्योंकि दिल्ली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव बार काउंसलिंग दिल्ली के सदस्य विमल अख्तर वरिष्ठ वकील सतीश कुमार सीमा सिंह मुकेश ढल आदि जिन के आशीर्वाद से निर्भया कांड के दोषियों का केस लड़ कर दोषियों के वकील लगातार माननीय न्यायालय को गुमराह करके दोषियों को फांसी के फंदे से बचा रहे हैं|
तथा निर्भया के परिजनों को परेशान करके शारीरिक मानसिक व आर्थिक शोषण का शिकार बना रहे हैं मैं पंडित अशोक भारतीय दिल्ली के महिला विरोधी मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल से प्रार्थना करता हूं कि आप निर्भया के परिजनों को परेशान करने के बजाय उन्हें किसी न किसी केस में फंसा दे या उनकी हत्या करा दें या उन्हें फांसी पर लटका दें फांसी पर लटकाने के बजाय 7 साल से अदालतों के चक्कर काट रहे निर्भया के माता-पिता भी यदि फांसी पर लटक जाएंगे तो रोज रोज मरने से अच्छा है कि निर्भया के परिजन मर जाएंगे तथा दोषियों को आप आसानी से बरी करा सकेंगे नहीं तो अब तक दोषियों को फांसी होती तथा फांसी का विभिन्न चैनलों पर सीधा प्रसारण होता तथा समाज में अपराधियों के मन में कानून का भय बैठता लेकिन केजरीवाल के राज में अपराधियों के बजाए पीड़ितों को ही अपनी हत्या का डर सता रहा है
जिस तरह बलात्कारी अपराधी को सिलाई मशीन देकर केजरीवाल ने अपने आप को महिला विरोधी बनाने में गर्व का अशोभनीय अहसास जन सामान्य को कराया है वह निंदनीय कृत्य है
बार के पदाधिकारी आम आदमी पार्टी के 15 जनवरी को सदस्य बने हैं कहीं इस पूरे मामले को लटकाने में इन सब की कोई साजिश तो नहीं है, अंधा कानून सारे अधिकार आरोपियों को देता है पीड़ित पक्ष को कुछ नई न्याय अन्याय है
0 टिप्पणियाँ