कासगंज। पटियाली विधानसभा क्षेत्र के थाना पटियाली के ग्राम बड़ी कनेसर/नगलाडलू में अभी बीती दिनांक 04 जनवरी की रात में गांव पर एक साधारण बिजली विवाद दो पक्षों मे हो गया । इस मुँहाचाही दौरान झगड़े की स्थिति को देख द्वितीय पक्ष में राजेश सिंह हार्टअटैक पीड़ित व्यक्ति को अचानक हार्ड में प्रॉब्लम आ जाने से उसकी उसके घर में ही मौत हो गई । इस विवाद के दौरान घर में हुई मौत का बहाना बनाकर प्रथम पक्ष पीड़ितों के ऊपर हावी होकर मारपीट करने के साथ अवैध असलहे से शेरसिंह और नीलेश सिंह ने फायर किया जिसमें ग्राम प्रधान के ऊपर छर्रे भी लग गए। फिर भी इस द्वितीय समूह के लोगों ने पीड़ित परिवार के विरुद्ध हार्ड अटैक से मृत ब्यक्ति का सहारा लेकर हत्या जैसे संगीन जुर्म पर 06 लोगों के ऊपर दफा 302 के तहत मुकदमा पंजीकृत करा कर विरोधियों को परास्त करने की पूर्ण कवायद की है।
इस प्रकरण में बताया जा रहा है कि वर्तमान अलीगंज भाजपा विधायक ने षडयंत्र कारी द्वितीय पक्ष का सहयोग देते हुए अपनी विधानसभा से अलग पटियाली विधानसभा क्षेत्र में पीड़ित प्रथम पक्ष को प्रताड़ित करने हेतु शासन के साथ प्रशासन का भी सहयोग देकर पीड़ितों को परेशान करने का पूर्ण रूप से कार्य कर रहे है ।जिसका जीता जागता सबूत यह है कि हार्ट अटैक से मृत व्यक्ति को हत्या दिखाकर कई लोगों का समूह बनाकर मारपीट करने पर अमादा हो गए यहां तक कि असलहो से गोलियां भी चलाई गई जिससे ग्राम प्रधान घायल भी हुआ।
इस वारदात के बाद द्वितीय पक्ष वर्तमान सरकार के कद्दावर कासगंज भाजपा विधायक के सहयोग से थाना में द्वितीय पक्ष पहुंचकर प्रथम पक्ष के विरुद्ध हत्या जैसे संगीन अपराधों पर मुकदमा पंजीकृत कराया जिससे पुलिस ने कार्यवाहियां शुरू की तो पुलिस के भय से पीड़ित व्यक्ति घर से बेघर हो गए हैं। यह देख पुलिस और पीएसी ने डेरा जमा लिया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार विधानसभा व थाना पटियाली गांव बड़ी कनेसर/नगलाडलू में दिनांक 04 जनवरी 2020 की रात बिजली से संबंधित एक साधारण विवाद दो पक्षों में हो गया। प्रथम पक्ष देवेन्द्र जीतू उमेश दिनेश रंजीत अमन से द्वितीय पक्ष गांव के ही शेर सिंह ओमपाल दिनेश अवधेश नीलेश नीरज वीकेश गौरव ऋषभ अखंड महेश गोविंद दीपू बृजेश सिंह आदि समूह से विवाद हो गया। ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों में बिजली लगाने से संबंधित दो पक्षों में जो विवाद हुआ है उसमें प्रथम पक्ष उतना दोषी नहीं है जितना मनगढ़ंत और राजनीतिक षड्यंत्र के तहत इसे बढ़ा चढ़ाकर प्रताड़ित करने हेतु वर्तमान समय शासन सत्ता के एटा की विधानसभा अलीगंज भाजपा विधायक सत्यपाल सिंह द्वारा दूसरी विधान सभा के निवासियों को कार्यकर्ता बताकर उनका सहयोग कर पीड़ित परिवार को पूर्ण रूप से हनन कराने हेतु प्रशासनिक सहयोग किया जा रहा है । इसलिए मौके पर घर मे मौजूदगी होने पर भी द्वितीय पक्ष के अभियुक्तों की धरपकड़ नही कर रहे उल्टा पीड़ित परिवार की महिलाओं को पीड़ित किया जा रहा है ।यहां हालात ऐसे बना दिये हैं कि गांव में भारी पुलिस फोर्स ने डेरा जमा रखा है जिसके भय से घर के मूल व्यक्ति किसी विवाद में ना पड़ने हेतु घर से बेघर हैं और घर में केवल महिलाएं और बच्चे केवल बचे हुए हैं जिनके दिल में दहशत भरी हुई है । जहां बताया जा रहा है कि बाहर आने जाने में महिलाओं एवं लड़कियों को पुलिस द्वारा भद्दी गालियों से धमकाया जा रहा है ।
अगर प्रशासन इस तरह से एक पक्षीय कार्रवाई करने पर उतारू है तो आम नागरिकों को न्याय मिलना संभव नहीं है सरकार कोई भी हो न्याय सही निर्णय अनुसार होना चाहिए। पक्ष-विपक्ष विवाद में तो होते ही हैं लेकिन सही तरह से घटनास्थल की जानकारी बाद ही कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए दोषियों पर आपराधिक धाराओं पर मुकदमा पंजीकृत करना ठीक होता है, किंतु उस पर सही विवेचना भी बहुत जरूरी है कि कहीं निर्दोष व्यक्ति जेल तो नहीं जा रहा है, कोई भी विवाद हो, पक्ष तो एक दूसरे के ऊपर हावी होने हेतु हर तरह से अपने दांव नहीं छोड़ना चाहते। जिससे कि विरोधी पराजित हो सके।
बताया जा रहा है कि जनपद एटा अलीगंज विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान भाजपा विधायक सत्यपाल सिंह द्वारा एक पक्ष संयोग से दोषी दिख रहा है लेकिन सत्यता कुछ और ही बयां करती है कि राजेश सिंह को दो अटैक पहले हो गए थे और इस विवाद को होते देख शायद उसे तृतीय अटैक आ जाने से उसके घर में ही मौत हो गई। जिस के परिजनों ने विवाद के दौरान उसको इस झगड़े में लिप्त करते हुए बड़े समूह के साथ एकत्रित होकर अपने विपक्ष पर लाठी-डंडों से मारपीट करते हुए असलहो से फायर की जिसमे ग्राम प्रधान देवेंद्र सिंह की कनपटी व कंधे पर छर्रे लगे जिससे वह घायल हुआ। खुद को मारखाते देख पीड़ित मौके से भगखडे हुए। धीरे-धीरे यह विवाद राजनीतिक षड्यंत्र बन गया जिससे वर्तमान विधायक का एक पक्ष का पूर्ण सहयोग मिला जिससे दूसरा पक्ष घर में रहने के लिए मजबूर हो रहा है और घर से बाहर मारा मारा फिर रहा है और घर की महिलाएं और लड़कियां घर में एक दहशत भरी सांस जी रही हैं जहां उन्हें भारी डर होने के साथ कभी भी बड़ी घटना घट सकती है। सुनवाई निष्पक्ष होते हुए न देख परेशान हैं और पीड़ित परिवार की कुछ सुनवायी नहीं हो रही है जिसमें पीड़ित पूर्ण रूप से प्रताड़ित होते हुए न्याय की गुहार लगा रहे है और सही सुनवाई व निर्णय हेतु दर-दर की ठोकरें खाते घूम रहे हैं । पीड़ितों का शुद्ध कथन यह है कि राजनीतिक से हटकर गांव पहुंचकर सही जांच करा कर जानकारी कर लें, अगर वाकई हम दोषी हैं तो कार्रवाई की जाए अन्यथा षड्यंत्र के तहत पीड़ितों के ऊपर हत्या जैसे संगीन अपराधों से बचाया जाए और हमारे परिवार बच्चों को परेशान बिल्कुल न किया जाए । हमें एक ही गांव में रहना है और एक दूसरे के काम आना है । इसलिए राजनीतिक दोष विचारों से हटकर सही निर्णय अनुसार कार्यवाही किया जाए ।
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