राजा सूरजमल 314 वी जयंती के शुभ अवसर पर महाराजा जागरूक समिति द्वारा शालीमार गार्डन बिजलीघर पर वीर शिरोमणि भरतपुर नरेश महाराजा सूरजमल जी की मूर्ति की स्थापना की गयी ।
इस अवसर पर महाराजा सूरजमल जागरूक समिति के सदस्यों के दुारा विधिवत रूप से हवन-पूजन किया गया ।
इस अवसर पर पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मनोज धामा जी ने सभी को संबोधित करते हुये कहा कि अजेय योद्धा महाराजा सूरजमल जी के मूर्ति का अनावरण महाराजा सूरजमल जागरूक समिति के अथक प्रयास से किया जा रहा है हम सभी के लिये ये बेहद गर्व का विषय है ।
मनोज धामा जी ने बताया कि यह इतिहास में उत्तर भारत में जिन राजाओं का विशेष स्थान रहा है उनमें महाराजा सूरजमल का नाम बड़े ही गौरव के साथ लिया जाता है। महाराजा सूरजमल जी वो वीर रहे हैं जिन्होंने अपने पराक्रम और शौर्य के बल पर राजस्थान के साथ-साथ पूरे भारतवर्ष का नाम रौशन किया ।
जिस दौर मे अन्य राजा अपनी बहन -बेटियों के रिशिते मुगलों से करके अपनी जागीरे बचा रहे थे उस दौर मे यह बाहुबली अकेले मुगलों से लोहा ले रहे थे ।
महाराजा सूरजमल जी को स्वतंत्र हिन्दु राज्य बनाने के लिये भी जाना जाता है ।
उनके जन्म को लेकर यह लोकगीत काफ़ी प्रचलित है.
'आखा' गढ गोमुखी बाजी,
माँ भई देख मुख राजी.
धन्य धन्य गंगिया माजी
जिन जायो सूरज मल गाजी.
भइयन को राख्यो राजी,
चाकी चहुं दिस नौबत बाजी।
इस शुभ अवसर पर महाराजा सूरजमल जागरूक समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नवीन चौधरी ने बताया की यह गाजियाबाद मे पहली बार महाराजा सूरजमल जी की मूर्ति की स्थापना हुई है और वार्ड के पार्षद पति श्रीमान पप्पू पहलवान जी का आभार प्रकट किया है उन्होंने बताया ऐसे वीर योद्धा का बलिदान हिण्डन किनारे गाजियाबाद मे हुआ यहाँ मूर्ति की स्थापना होने से उनके इतिहास को जन जन तक पहुंचने मे आसानी हिन्दू समाज के वीर योद्धाओ की मुर्तिया हर वार्ड मे लगनी चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ी अपने देश के वीर योद्धाओ का असली इतिहास जान सके।
मूर्ति अनावरण पर उपस्थित लोगों के दुारा महाराजा सूरजमल जी के सम्मान मे "महाराजा सूरजमल अमर" रहे के नारों से आसमान गुंजायमान हो गया ।
इस मौके पर संजीव शर्मा (महानगर अध्यक्ष, भाजपा) पार्षद पति पप्पू पहलवान देवेन्द्र ढाका, बाबा परमेन्द्र आर्य, सुधीर मलिक, आजाद छिल्लर, प्रमोद चौधरी, रजत चौधरी, संजय चौहान, प्रदीप चौधरी, संजय रावत, नन्दन बिष्ट सहित सैकड़ों की संख्या मे लोग समाज उपस्थित रहे ।
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