कटनी-दूसरे प्रदेशों से शहर में आया व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित तो नहीं है, इसकी स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिले में टीम का गठन किया है। जिससे बाहर से आए व्यक्ति की सूचना मिलते ही डॉक्टरों की टीम पहुंचकर उसकी जांच करे ले, लेकिन इस संवेदनशील मुद्दे पर डॉक्टरों की टीम अलर्ट नहीं है। जानकारी मिलने के बाद तुरंत पहुंचने की बजाय देरी की जा रही। चार से पांच घंटे बाद डॉक्टरों की टीम बाहर से आए व्यक्तिों की जांच करने पहुंच रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बरती जा रही यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। लापरवाही का ऐसा ही मामला फारेस्टर वार्ड का सामने आया है। यहां पर दिल्ली से आए एक व्यक्ति की स्क्रीनिंग डॉक्टरों ने 4 दिन बाद की, जबकि वह व्यक्ति सर्दी-जुकाम, बुखार से पीडि़त था। सभी लोगों से मिल भी रहा था। जिस वजह से मोहल्ले के लोग भी दहशत में थे। हालांकि गुरुवार को पहुंची टीम ने उसका परीक्षण किया और घर में रहने की सलाह दी। तीन दिन बाद ठीक नहीं होने पर आइसोलेटेड करने को कहा। पाषर्द राजेश जाटव ने बताया कि फारेस्टर वार्ड निवासी एक युवक दिल्ली में रहकर मिस्त्री का काम करता था। 22 मार्च को वह दिल्ली से घर आ गया। इस दौरान वह सर्दी-जुकाम और बुखार से पीडि़त था। जिसके बारे में जानकारी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को दी गई, लेकिन कोई नहीं आया। 26 मार्च को फिर से जानकारी एसडीएम संघमित्रा गौतम को दी गई। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से बात की और टीम भेजने को कहा। जानकारी देने के 3 घंटे से अधिक समय बाद जिला अस्पताल की रैपिड रिस्पांस की डॉक्टरों की टीम जांच करने पहुंची। उसका परीक्षण किया और बाहर न निकलने और तीन दिन तक सुधार नहीं होने पर अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी।बाहर से आए हुए व्यक्ति की डॉक्टरों को तुरंत स्क्रीनिंग करनी है। 14 दिन तक उसका घर जाकर परीक्षण करना है। इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही यदि बरती जाती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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