दुलारी सामाजिक सेवा समिति के तत्वधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर "मैं कुछ कहूं " नामक कार्यक्रम का आयोजन साहिबाबाद , नवीन पार्क में स्थित "उत्तम भवन" में किया गया महिलाओं ने परिचर्चा में सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से अपने अनुभव , विचार तथा भाव प्रस्तुत किए। दुलारी समाजिक सेवा समिति ने शहर के नौ अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यरत पदाधिकारी महिलाओं को सम्मानित किया ।
जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में यूपीएसआईसी क्षेत्राधिकारी स्मिता सिंह , फिजिसियन व सोशल वर्कर डॉ रेनू शर्मा , कवित्री व अभिनेत्री डॉ अल्पना सुहासिनी, सीनियर गायनोलॉजिस्ट डॉ सरिता गुप्ता, सुंदरदीप इंस्टिट्यूशन डायरेक्टर डॉ अंजू सक्सेना, सुग्रहणी सावित्री बरेजा , प्रोफेसर -पत्रकार डॉ कमलेश भारद्वाज, दिल्ली से एडवोकेट डॉ पूजा सिंह को दुलारी सामाजिक सेवा समिति की अध्यक्ष राधिका शर्मा ने शॉल ओढ़ाकर दुलारी अवार्ड देकर सम्मानित किया । दुलारी संस्था की संस्थापक मीनाक्षी शर्मा ने बताया यह सभी महिलाएं समाज की दुलारी हैं । इन्होंने समाज के लिए, परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं क्योंकि हर महिला बहुत संघर्ष के बाद किसी मुकाम पर पहुंचती हैं उनकी दृढ़ शक्ति आत्मबल समाज में परिवर्तन लाते हैं ।एक महिला ही संसार को जन्म देकर आगे बढ़ाने का कार्य करती है। एक अच्छा भविष्य प्रदान करती है। इसलिए दुलारी सामाजिक सेवा समिति ने यह दुलारी अवार्ड से नवाजा है ।आज सभी अतिथि महिलाओं ने अपने अनुभव,, नारी सशक्तिकरण पर परिचर्चा कर दूसरी महिलाओं का मार्गदर्शन किया। उनके सवालों के जवाब दिए। नारी सशक्तिकरण की वर्तमान स्थिति, सुरक्षा ,आत्मनिर्भरता , स्वास्थ्य संबंधी जानकारी , कानूनी सलाह ,तथा महिलाएं किस प्रकार संघर्ष कर अपने जीवन को आगे बढ़ाकर कार्य करती हैं । जब कोई महिला शासन या प्रशासन में होती है तो काम के साथ साथ किस तरीके से घर-परिवार संभालती है ,उस विषय पर भी महिलाओं को मोटिवेट किया गया । साथ ही दुलारी संस्था की सदस्यों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम द्वारा मनोरंजन भी किया गया। संस्था की संस्थापक मीनाक्षी शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन महिलाओं को घर से बाहर आकर मंच प्रदान करना है जो कुछ करना चाहती है लेकिन कर नहीं पाती । इस कार्यक्रम से महिलाओं को आत्मविश्वास में प्रोत्साहन मिला है । आज भी हम उस दौर से गुजर रहे हैं जहां महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं है ।उनकी सुरक्षा नहीं है ।उनको मान सम्मान यहां तक कि घर में भोजन भी उपलब्ध नहीं है, दुलारी समिति आगे आने वाले समय में इस विषय पर विचार करने वाली है। कार्यक्रम में मंच का संचालन मीनाक्षी शर्मा द्वारा किया गया तथा आए हुए सभी अतिथियों ने मीनाक्षी शर्मा द्वारा किए गए कार्य उनकी सोच उनकी संस्था और उनकी पुस्तक मैं कुछ कहूँ की भरपूर प्रशंसा और सराहना की।"
मैं कुछ कहूं ,"मीनाक्षी शर्मा लिखित किताब है जो नारी सशक्तिकरण पर आधारित है तथा महिलाओं की वर्तमान स्थिति को दर्शाते हुए के साथ परिवर्तन की राह बताती है इस कार्यक्रम में राधिका शर्मा , मीनाक्षी शर्मा ,राधा शर्मा, अंजू जैन, आशा शर्मा , सुधा श्रीवास्तव सहयोगी रही ।
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