गाजियाबाद: विश्व में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है WHO ने इसे भारत में महामारी घोषित कर दिया है जिसके चलते सरकार ने सभी कार्यालय, मॉल, सिनेमाघर, रेस्टोरेंट, होटल, कचहरी, स्कूल, सरकारी दफ्तर, सरकारी अस्पतालों में लगने वाली ओपीडी, रेल आदि ऐसी हर जगह जहां लोग इकट्ठा होते हैं कुछ समय तक बंद कर देने के आदेश दिए हैं प्रधानमंत्री मोदी ने भी 22 तारीख को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है।
गाजियाबाद जिलाधिकारी कार्यालय में समस्याएं लेकर आने वाले लोगों के आने पर रोक लगा कर लोगों की समस्याओं का समाधान के लिए फोन नम्बर दिया गया है।
इसके विपरीत गाजियाबाद के एसएसपी आजकल जिले के थानों का मुआयना कर रहे हैं सूत्रों की माने तो जिस थाने में एसएसपी का मुआयना होता है वहां एसएसपी कार्यालय की टीम पहले ही थाने पहुंच जाती है और थानों में रिकॉर्ड भवन असलाह आदि की जांच करते हैं इसमें एसएसपी कार्यालय से आए कर्मचारी एवं संबंधित थाने के कर्मचारियों को मिलाकर अच्छी खासी संख्या हो जाती है क्या यह सरकार के आदेशों की और मनसा की अवहेलना नहीं है अगर ऐसे में किसी कर्मचारी को कोरोना जैसा खतरनाक वायरस अपनी चपेट में ले लेता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।
वही शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में सरकार के 3 साल पूरा होने पर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री द्वारा सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें अधिकारी, नेता, पत्रकार भी मौजूद रहें। क्या यहा कोरोना वायरस की नो एंट्री थी ? क्या सरकार से कोरोना वायरस डरता हैं?
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