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नीद की कमी लोगों को बीमार बना रहीं हैं - डॉ रूप कुमार बनर्जी

गोरखपुर व्यूरों :- आज विश्व निद्रा दिवस है! इस अवसर पर हमने बात की होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ रूप कुमार बनर्जी से! उन्होंने बताया कि बदलती जीवनशैली और भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच नींद की कमी लोगों को रोगी बना रही है।


तकनीकी युग में मोबाइल और कंप्यूटर का अधिक इस्तेमाल लोगों के जीवन पर दुष्प्रभाव डाल रहा है। इस लत के कारण पर्याप्त नींद की कमी से युवा तेजी से बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यदि स्वस्थ जीवन बिताना है तो प्रतिदिन 8 घंटे की नींद जरूरी है।
बच्चे हो या वृद्ध , आज कल हर कोई नींद की बीमारी से ग्रस्त है। कोई वीडियो गेम की लत तो कोई काम के तनाव में पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहा जिसके कारण तमाम बीमारियां उन्हें अपनी गिरफ्त में ले रही हैं। युवाओं के अलावा बड़ों में भी बढ़ रही सोशल मीडिया की लत अनिद्रा का कारण बन रही है। नींद के लिए दवाओं का निरंतर उपयोग व्यक्ति को अंदर से खोखला कर रहा है। पर्याप्त नींद ही इसका एक मात्र उपाय व उपचार है। उन्होंने आगे बताया कि नींद की गड़बड़ी के कारण छात्र-छात्राओं में डिप्रेशन, एंग्जाइटी, इमोशनल प्रॉब्लम और मूड स्विंग, इंटरनेट की लत, मोबाइल गेम्स की लत, गैजेट्स का ज्यादा इश्तेमाल, शराब और नशीली दवाओं का सेवन बढ़ गया है।आज के दौर में युवक युवती लेट नाईट पार्टी करते हैं और सुबह देर से जगते हैं, जिसके कारण उनमें फेज डिलेड स्लीप डिसआर्डर का खतरा बढ़ रहा है।
दुनिया भर में किये गये अध्ययनों से पता चला है कि एक तिहाई (35 प्रतिशत) लोगों का मानना है कि वे पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, जिसका असर उनकी शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के स्वास्थ्य पर पड़ता है। बचपन की एंग्जाइटी डिप्रेशन, तनाव और अन्य भावनात्मक समस्याओं के कारण इस उम्र में  नींद से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। इस उम्र में शारीरिक और भावनात्मक विकास के लिए भी नींद विशेष रूप से आवश्यक है। डॉ बनर्जी के अनुसार नींद का पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। टेस्टोस्टेरॉन पुरुष हार्मोन है, जो प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण है। पुरुषों में हर दिन जितनी मात्रा में टेस्टोस्टेरॉन रिलीज होता है, उसकी अधिक मात्रा नींद में ही रिलीज होती है। नींद पूरी न होने के कारण यह मात्रा भी कम हो रही है। जिसका सीधा असर प्रजनन पर पड़ रहा है। रात में अच्छी नींद मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण स्तंभ है। स्लीप डिसआर्डर का इलाज कराने पर उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर, डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसे डिसआर्डर का खतरा भी काफी हद तक कम हो सकता है, साथ ही साथ सड़क यातायात दुर्घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलती है। नींद संबंधी अधिकतर समस्याओं की रोकथाम की जा सकती है या इलाज किया जा सकता है। बिना रुकावट के उचित नींद, सोने की नियमित दिनचर्या को बनाए रखने, कार्यालय के काम के लिए नहीं, बल्कि केवल नींद के लिए ही बिस्तर का इस्तेमाल करना जैसे आदतों से नींद की समस्या से बचा जा सकता है।  
नशे का चलन जैसे निकोटीन, कैफीन और अन्य उत्तेजक सामग्रियों के सेवन से परहेज करना और पौष्टिक आहार और सामान्य व्यायाम के साथ एक स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखकर अच्छी नींद आने में मदद मिल सकती है, जो कि शारीरिक और मानसिक भलाई के लिए अत्यंत आवश्यक है। डॉ बनर्जी के अनुसार कुछ टिप्स अपनाकर पर्याप्त नीद ली जा सकती हैं जैसे  1-अपने बाएं नथुने से श्वास लें :-
यह  पद्धति  रक्तचाप को कम करती है और शांत करती है। यदि नींद नहीं आ रही तो  बाईं ओर लेटकर अपने नाक के दायें नथुने को अंगुली से बंद करें और फिर बांएं नथुने से धीरे धीरे श्वास लें। इससे आपको धीरे-धीरे नींद आने लगेगी।
2-अपनी मांसपेशियों को आराम दें:-शरीर की सारी मांसपेशियों को आराम देने से जल्दी नींद आती है l अपने पीठ के बल लेट जाएँ तथा नाक से लंबी और धीरे-धीरे सांस लें. साथ ही साथ अपने पैरों की उँगलियों को जोर से तलुवों की तरफ भींच कर नीचे की ओर रगड़ें और फिर उँगलियों को ढीला छोड़ दें l इस प्रक्रिया को बार-बार करने से आपको अच्छी नींद आ जाएगी l
3 -जागते रहने की कोशिश करें :-
अगर रात में नींद नहीं आ रही तो  जागते रहने की कोशिश करें l इस प्रक्रिया को विरोधाभास कहा जाता है,अपनी आँखों को खुली रखें और यह बार-बार दोहराते रहो “मैं नहीं सोऊंगा”. ऐसा करने से आपकी आँखों की मांसपेशियां में थकान आ जायेगी. जिससे आपको नींद आने लगेगी l
4-कल्पना करें :-अगर नींद नहीं आ रही तो यह कल्पना कीजिये कि आप स्वर्ग में, बगीचों में या किश्ती में सवार होकर शांत पानी में घूम रहे हैं. ऐसा करने से आपको जल्दी नींद लाने में मदद मिलेगी l
5-आरामदायक स्थिति में बैठें:-
 एक आरामदायक स्थिति में बैठ जाएँ, अपनी आंखों को बंद कर लें, अपने कंधों को ढीला छोड़ दें, अपने मुख को धीरे से बंद करके अपने जबड़ों को आरामदायक स्थिति में कर लें. अपने नाक से लंबी सांस लें जितना आपको आरामदायक लगता है l ऐसा करने से आपको आरामदायक नींद आएगी l
6-गहरी सांस लें :- स्वभाविक रूप से श्वास लेने से भी आपको नींद आने लग जाती है l
7-अपनी चिंताओं की सूची बनायें:- बिस्तर पर अपनी कार्य-सूची के बारे में सोचना अनिद्रा का एक मुख्य कारण है l किसी महत्वपूर्ण कार्य को भूलने का डर आपकी अनिद्रा को बढ़ाता हैं इसलिए सोने से पहले अपनी उन चिंताओं के बारे में सूची बनाने से भी जल्दी नींद आने लगती है!


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