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प्लाटिंग के नाम पर  करोड़ों की ठगी पैसे वापस मांगने पर जान से मारने की धमकी 

गाजियाबाद। प्लांट के नाम पर एनसीआर में ठगी के मामले आए दिन प्रकाशित होते रहते हैं लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती जिसके चलते इनके हौसले बुलंदी पर हैं कुछ लोग तो बाकायदा कंपनी बनाकर बड़े-बड़े ऑफिसो की शान दिखाकर खुलेआम लोगों को लूटते हैं सूत्रों की माने तो ऐसे लोगों को कहीं न कहीं पुलिस वा राजनीति का संरक्षण भी प्राप्त होता है



 अभी हाल ही में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है जहां पर एक कंपनी बनाकर कई लोगों  से करोड़ों की ठगी की गई है पीड़ित पुलिस के चक्कर लगाकर थक चुके हैं लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है जिनमें से कुछ लोग हार थककर अपने घर मैं बैठ गए हैं जबकि कुछ कोर्ट का सहारा लेकर न्याय की उम्मीद में लगे है मालूम हो कि गौतम बुध नगर मैं दिल्ली के निवासी पुरुषोत्तम दास अग्रवाल ने पी पी स्टेट के नाम से एक कंपनी बनाकर ग्राम धूम मानिकपुर में एक भूमि प्रॉपर्टी पर  प्लोटिंग की थी साथ ही अपने कुछ लोगों को गाजियाबाद में ऑफिस लेकर बैठाया था कि वह धूम मानिकपुर में काटे जा रहे हैं  प्लाटों की बुकिंग करें
 कई लोगों ने सन 2014 में पी पी स्टेट को पैसे किस्तों के रूप में  दिए और नियत समय में पूरा पैसा देने का एग्रीमेंट हुआ जब समय आया तो पी पी स्टेट ने रजिस्ट्री करने के लिए बहाने बनाने शुरू कर दिए और रजिस्ट्री नहीं की 
जिन चंद लोगों की रजिस्ट्री कराई  भी  गई पी पी स्टेट  ने बाद में उन्हें फर्जी करार दे दिया और उन्हें वकील के माध्यम से नोटिस भेज दिया लोगों ने पुलिस के चक्कर काटने शुरू किए लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली 
ऐसे ही एक पीड़ित राहुल ने बताया कि 2014 में पी पी स्टेट में उन्होंने ₹48 लाख दिए थे जब रजिस्ट्री का समय आया तो पी पी स्टेट रजिस्टी से मुकर गया राहुल ने कई जगह प्रार्थना पत्र देकर पी पी स्टेट के मालिक पुरुषोत्तम दास के खिलाफ कार्रवाई की मांग की लेकिन कहीं भी उसे न्याय नहीं मिला 
इसके अलावा संजय यादव निवासी गाजियाबाद ने बताया कि जून 2014 में उसने तथा उसके साथी रविशंकर ने ₹15000 प्रति वर्ग गज के हिसाब से 644 वर्ग गज का प्लाट खरीदा था जिसकी एवज में 27 जून 2014 को 32 लाख रुपए तथा दिनांक 6 जुलाई 2014 को 20 लाख रुपए तेजेंद्र सिंह के सामने पी पी स्टेट को दिए थे जबकि बकाया धनराशि 44 लाख 60 हजार 18 माह में देने का एग्रीमेंट हुआ था जब 18 महीने बीत गए तो संजय यादव व रवि शंकर पी पी स्टेट के मालिक पुरुषोत्तम दास के पास पहुंचे और रजिस्ट्री करने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने उस समय अपने आप को किसी परेशानी में घिरा होने की बात कहकर रजिस्ट्री का समय आगे के लिए टाल दिया इसके बाद भी पुरुषोत्तम रजिस्ट्री कराने के नाम पर झूठे आश्वासन देता रहा  जब संजय व रवि शंकर ने पुरुषोत्तम दास पर दबाव बनाया तो उसने पैसे वापस करने की बात कही 20 सितंबर 2018 को आरटीजीएस के माध्यम से रवि शंकर के खाते में 10 लाख रुपए डलवा दिए गए और बाकी धनराशि अगले छह माह में देने का आश्वासन दिया  लेकिन समय बीत जाने के बाद भी कोई पैसा पीड़ितों को नहीं लौटाया गया आरोप है कि बीते 16 जून 2019 को पुरुषोत्तम दास अग्रवाल अपने दोनों पुत्रों व दो अज्ञात व्यक्तियों जोकि हथियारों से लैस थे के साथ लाल कुआं गाजियाबाद आया जहां पर प्लाँट के बारे में बातचीत होने लगी इसी दौरान विवाद बढ़ गया और पुरुषोत्तम दास अग्रवाल के कहने पर उनके साथ आए उनके पुत्र व अन्य लोगों ने संजय यादव व रविशंकर के साथ गाली गलौज करनी शुरू कर दी और उन्हें नीचे गिरा कर पिस्टल तान दी साथ ही धमकी दी कि अगर आज के बाद पैसे मांगे तो जान से मार देंगे इसके बाद पीड़ित पक्ष ने एक प्रार्थना पत्र  पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद को दिया और कार्रवाई की मांग की लेकिन पुरुषोत्तम दास की पहुंच के चलते कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसके बाद संजय यादव ने कोर्ट की शरण ली जहां पर कोर्ट ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए संजय यादव  का प्रार्थना पत्र परिवाद के रूप में दर्ज कर लिया है और 24 मार्च को पेश होने के लिए कहा गया है अब देखना है कि प्लॉटिंग के नाम पर  ठगी करने वाले लोगों के खिलाफ क्या निर्णय देती है जब इस संबंध में पुरुषोत्तम दास से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो लोग उनके खिलाफ शिकायत कर रहे हैं वह खुद गलत है और सब मिलकर उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं


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