बीबीनगर थाने में तैनात एक दारोगा की सर्विस रिवाल्वर से शुक्रवार रात करीब साढ़े 12 बजे गोली चल गई और पास में ही बैठे दूसरे दारोगा के पेट में जा लगी। थाने के एक मुंशी की मदद से दारोगा ने घायल दरोगा को बीबीनगर में ही करीब तीन किलोमीटर दूर एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां पर दारोगा की मौत हो गई। जिस दारोगा की पिस्टल से गोली चली है, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस जांच में जुटी है।मूल रूप से गाजियाबाद के मुरादनगर के गांव जलालपुर निवासी बिजेंद्र सिंह वर्तमान में बीबीनगर थाने पर तैनात थे। वह थाने में ही बने सरकारी क्वाटरों की तीसरी मंजिल पर बने एक क्वाटर में अकेले रहते थे। शुक्रवार करीब साढ़े 11 बजे इसी थाने पर तैनात और शामली के गांव मालेंडी निवासी दूसरे दारोगा नरेंद्र पाल सिंह उनके क्वाटर पर गए। कुछ देर के बाद अचानक क्वाटर के अंदर गोली चली। तभी नरेंद्र पाल ने यह सूचना थाने में ड्यूटी दे रहे एक मुंशी को दी। मुंशी की मदद से दारोगा बिजेंद्र सिंह को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान दारोग़ा की मौत हो गयी। जिसके पिस्टल से गोली चली उस दारोगा को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूरी घटना की जांच एसपी सिटी को सौंपी गई है। दारोगा से पूछताछ चल रही है।जिस दारोगा नरेंद्र पाल की सर्विस रिवाल्वर से गोली चली है। उनका कहना है कि उनका पेट खराब था। वह फ्रेश होने के लिए बिजेंद्र सिंह के क्वाटर पर गए थे। नाइन एमएम की पिस्टल लोड थी। जब वह पिस्टल निकालकर टेबल पर रखने लगे तो अचानक गोली चल गई और दारोग़ा बिजेंद्र के पेट मे गोली लग गईं।एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में जब दारोग़ा नरेंद्र पाल को लगा कि बिजेंद्र सिंह नहींं बचेंगे तो अस्पताल से दारोग़ा नरेंद्र पाल सिंह भाग निकले। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह थाने से पैसे लेने जा रहे है। इसके बाद सर्विलांस की मदद से रात में ही दारोग़ा को गाजियाबाद के मसूरी थानाक्षेत्र से एक पीआरवी की मदद से गिरफ्तार किया गया। एसएसपी का कहना है कि घटना की पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी।गाजियाबाद के गांव जलालपुर निवासी मृतक दारोग़ा के परिजन भी सुबह करीब तीन बजे थाने पर पहुंच गए थे। अभी वह कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे है। उनका बेटा, भाई और गांव के अन्य सदस्य अस्पताल की मर्चरी पर है।जिस दारोग़ा की गोली लगने से मौत हुई है। उस दारोग़ा का जुलाई माह में रिटायरमेंट होने वाला था। थाने के सभी स्टाफ से बोलता था कि वह रिटायरमेंट के दिन बहुत बड़ी पार्टी करेंगे। सभी स्टाफ से भी उनकी अच्छी बनती थी।एसएसपी ने कहा है कि नरेंद्र पाल दारोग़ा मरने वाले दारोगा के कमरे पर गए थे। अंदर दोनों ही दारोग़ा थे। गोली नरेंद्र पाल सिंह के पिस्टल से चली है और बिजेन्द्र दारोग़ा को लगी है। इसके बाद उन्हें उपचार के लिए खुद ही नरेंद्र पाल अपनी स्विफ्ट कार से एक अस्पताल ले गए। जहां उनकी मौत हो गई। दारोग़ा को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ की जा रही है।
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