दिल्ली लॉक डाउन के चलते केंद्र सरकार तथा प्रदेश सरकारे देश के गरीबों में सीधे उनके खाते में पैसा बांट रही है।
देश की एनजीओ भी उन गरीबों को भूख के लिए रात दिन काम कर रही है वही सस्ते गल्ले की दुकान उनको निशुल्क राशन उपलब्ध करा रहा है वहीं तेज के धनवान और लोग भी उन गरीबों की सेवा में जुटे हैं जिसको जो बन बन रहा है वहां अपना योगदान कर रहा है पूर्व चेयरमैन निर्मल सिंह नामधारी ने अपने बयान में कहा की एक ऐसा तबका है जो वाह किसी के भी सामने अपने हाथ नहीं कल आ सकता हूं या तो है शहरों में निवास कर रहा है या देश के गांवों में अपना जीवन यापन कर रहा है क्या कोई छोटी-मोटी नौकरी कर अपने बच्चों का भरण पोषण कर रहा है वह तबका लोक लाज की वजह से कर्ज लेकर अपना जीवन यापन करने में व्यस्त है सरकार के नुमाइंदों को या धनवान व्यक्तियों को उन लोगों का पता लगाकर उन्हें भी खाद्यान्न सामग्री समय से उपलब्ध कराने के लिए योजना बनानी चाहिए नहीं तो इस तबके के साथ अन्याय होगा ऐसे परिवार शहर तथा कस्बों में और देश के गांवों में आराम से मिल जाएंगे यह लोग ना तो सरकार की सूची में गरीब हैं ना ही देश की एनजीओ की सूची में गरीब है चौकी एनजीओ तो सरकार की सूची पर ही काम करता है लेकिन अपना विवेक का इस्तेमाल कोई नहीं करता यदि शोर समय पर ध्यान नहीं दिया गया तो ऐसे लोगों की स्थिति खराब हो सकती है ऐसे परिवारों का भी ध्यान रखना सरकार का काम है
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