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दो सप्ताह से जेल में बंद विचाराधीन महिला बंदी अंतरिम जमानत में रिहा होगी

 


 हाई कोर्ट हाई पावर कमेटी ने निर्देश जारी किया


         इलाहाबाद: हाई कोर्ट की हाई पावर कमेटी की बैठक उपरान्त प्रदेश के जेल में पिछले तीन सप्ताह से बंद पुरुष व् दो सप्ताह से बंद महिला बंदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जायेगा। इस संबंध में प्रदेश भर के सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्षों को निर्देश जारी किया है।


वैश्विक महामारी कोविड 19 से निपटने सुप्रीम कबंदियो जेलों से ओवर क्राउड को कम करने के लिए देश के सभी स्टेट विधिक सेवा प्राधिकरण को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। । सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाई पावर कमेटी की बैठक हुई थी। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में अतिरिक्त गृह, एडीजी जेल की बैठक हुई। इसमें पिछले तीन माह से जेल में बंद विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत या पेरोल में छोड़ने निर्देश दिया गया। इसके तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से 350 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत व् 120 बंदियों को पेरोल सजा पूरा करने वाले 31 बंदी सहित 501 बंदियों को छोड़ा गया। इसके बाद भी प्रदेश के जेलों में बंद बंदियों की रिपोर्ट पेश किया गया। इसमें प्रदेश के जेल में 1162 विचाराधीन बंदी होने इसमें 622 एक माह से294 एक माह से अधिक व् तीन माह से कम, 246 लगभग दो माह से बंद है। 2 अप्रैल को कमेटी ने प्रदेश के सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्षो को नया निर्देश जारी किया है। कोविड 19 से निपटने तीन सप्ताह पूरा करने वाले पुरुष एवं 2 सप्ताह पूरा करने वाली महिला बंदियों को अंतरिम जमानत या पेरोल में छोड़ने का निर्देश दिया है। इस नियम में 30 अप्रैल को तय अवधि पूरा करने वाले बंदियों को इसका लाभ नही दिया जायेगा।


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