कोरोना जैसी महामारी से मुकाबला करने और अपनी ड्यूटी को मुस्तैदी के साथ अंजाम देने वाले डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ, अफसरों, पुलिस, मीडिया और स्वच्छकारों जैसे कर्मवीरों को सादर समर्पित
जो हमारे लिए मौत से भी लड़े,
जाँ हथेली पे लेके रहे जो खड़े,
हम उन्हीं कर्मवीरों को करते नमन।
उनको सौ-सौ नमन, अपने सौ-सौ नमन।।
अपनी साँसों के खिलते सुमन छोड़कर,
ज़िन्दगी जो हमारी बचाने चले,
दूसरों की खुशी के लिए जो सदा,
दाँव पर अपना सबकुछ लगाने चले,
अपनी सुध-बुध भुलाकर अँधेरों में जो
दे रहे हैं उजालों का वातावरण।
उनको सौ-सौ नमन, अपने सौ-सौ नमन।।
तेज़ पथराव में जो न पीछे हटे,
गालियों-गोलियों में रहे जो डटे,
झेलकर नफरतों से भरी आँधियाँ,
हौसले लाख जिनके न काटे कटे,
जिनसे महफूज़ हैं फूल, फल, खुशबुएँ,
जिनसे आबाद है ये महकता चमन।
उनको सौ-सौ नमन, अपने सौ-सौ नमन।।
स्वच्छता के इरादे जो मन में लिये,
नापते हैं अँधेरों की गहराइयाँ,
हर अधर पर सजाते हैं मुस्कान जो,
खुद पहनते उदासी की परछाइयाँ,
जो हमारी ही सेहत के रक्षक बने,
भूलकर अपनी दिनभर की सारी थकन।
उनको सौ-सौ नमन, अपने सौ-सौ नमन।।
-डॉ. चेतन आनंद
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