लॉक डाउन के हटते ही फिर से ध्वनि और वायु प्रदूषण फैलेगा! सप्ताह में एक दिन फैक्टरी व वहानों का पूर्णबन्दी से पर्यावरण को मिल सकती हैं काफ़ी राहत..! शुद्ध एवं अनुकूल पर्यावरण के प्रति जागरूक एवं संवेदनशील होना पड़ेगा..!*
वर्षों बाद पर्यावरण जगत से लगातार सकारात्मक खबरें पढ़ने-सुनने को मिल रही हैं। पूर्णबंदी के चलते दिल्ली, मुंबई, बंगलुरू, चेन्नई,कोलकाता जैसे बड़े महानगरों में जहां वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा होता था, वहां अब इसमें काफी कमी आई है। पूर्णबंदी के चलते कई फैक्ट्रियां, कारखाने बंद हैं। इनसे निकलने वाले अपशिष्ट और रासायनिक पदार्थ बह कर नदियों में नहीं पहुंच रहे, परिणामस्वरूप देश की नदियों का पानी साफ होने लगा है।
एक खबर जो सबसे ज्यादा सुकून देने वाली है, वह यह कि गंगा की डॉल्फिन को कोलकाता में लगभग तीस वर्ष बाद उछलते-कूदते देखा गया है। गंगा डॉल्फिन की प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर है। लेकिन अब प्रश्न उठता है कि क्या पूर्णबंदी समाप्त होने के बाद गंगा डॉल्फिन कोलकाता की हुगली नदी में इसी तरह तैरते-कूदते नजर आएगी या जल्द ही उसे फिर से उस स्थान पर वापस लौटना पड़ेगा, जहां वह अपने को बचाने में लगी थी। पूर्णबंदी के हटते ही फिर से ध्वनि और वायु प्रदूषण करती गाड़ियां सरपट दौड़ेंगी, फैक्ट्रियों-कारखानों का रासायनिक अपशिष्ट फिर से नदियों में जाएगा और नदियां फिर से गंदी होने लगेंगी।
अब हमारा यही प्रयास रहना चाहिए की हुगली नदी के घाट में गंगा डॉल्फिन का हमेशा आना जाना बना रहे और उनका समूह हमेशा वहा फुदकता दिखे इसलिए, शुद्ध एवं अनुकूल पर्यायवरणीय स्थिति को बनाए रखने के लिए हम सभी देशवासियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक एवं संवेदनशील होना पड़ेगा ओर सरकार को सप्ताह में एक दिन फैक्टरी व वहानों का बन्द करना भी पर्यावरण को काफी कुछ दे सकता है तथा इंशान को सुद्ध हवा लेने का मौका मिलता रहें गा जिससे बीमारियों से भी लड़ा जा सकता है।
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