गाजियाबाद: जितना हमारे पास है वह सब हमारा नहीं उसमें बहुतों का हिस्सा है तुम्हारी हर चीज में तुम्हारे जैसे इंसानों का हिस्सा है जब हम उनकी फिक्र करेंगे तभी यह दुनिया खूबसूरत लगेगी अन्यथा सब खाली खाली सा लगेगा इंसान परमात्मा की सबसे सुंदर रचना है तभी तो हर धर्म में कहा गया परमात्मा की सुंदर रचना के दुख दर्द को भोग कर देखो और जितना हो सके उतना उस महान रचना के दुख दर्द को बांट कर देखो तभी तो रमजान में जकात और खैरात की व्यवस्था की गई है ।
हमें अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा उन लोगों को देना चाहिए जिनकी जिंदगी में खुशियां कुछ कम आई है यह व्यवस्था उनकी जिंदगी में खुशियां लाने के लिए की है आप मददगार बने उन लोगों का जो किसी कारणवश पीछे रह गए उन्हें साथ लेकर चलना खुदा की सच्ची इबादत है तभी हम एक खूबसूरत दुनिया का निर्माण कर पाएंगे हमारा हर पर्व हमें यही सिखाता है कि दूसरों की मदद करें हर धर्म इंसान को इंसानियत की राह दिखाता है हर पर्व बुराइयों से दूर झाइयों की राह पर चलना सिखाता है दूसरे के दुखों को समझ ने वाला ही सच्चा धार्मिक इंसान होता है और हम उस राह पर चलना खुशियां पा भी सकते हैं और बांट भी सकते हैं । दुनिया में फैली भरी करो ना वायरस बीमारी की वजह से हमें रमजान की नमाज अपने घरों पर बैठकर ही करनी चाहिए जितना इस वक्त हम आपस में दूरियां बना कर रखेंगे उतनी ही जल्द कलम निकटता ला पाएंगे सरकार के आदेश और सलाह को अवश्य माने तभी हम इस पवित्र रमजान का आदर सम्मान कर पाएंगे। सरदार मंजीत सिंह अध्यात्मिक गुरु
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