कहानी के माध्यम से समाज को दिशा देता लेखक मोलाना एजाज अहमद खान रज्जाकी जी,
बच्चो को घूम घूम कर ट्यूशन देने वाले मास्टर जी के घर दो समय से उपास चल रहा था मगर मास्टर जी अपने स्वाभिमान के चलते पड़ोस मे मुफ्त मे बट रहे राशन के लिये लम्बी लाईन मे खडे नही हुये!
जब मुफ्त राशन बांटने वालो नौजवानो को पता चला कि हमारे मास्टर जी अपनी खूददारी के कारण राशन लेने के लिये हमारे पास आ नही सकते हैं तो उनहो ने राशन बांटना रोक दिया और आपस मे सलाह व मशविरा करने लगे आखिर वे पढे लिखे जवान थे बात चीत के बाद ये तय किया न जाने कितने सफेद पोश अपनी आखों मे जरूरत के प्याले लिये राशन की कतारों को ताकते है और अपनी ईज्जत और भ्रम की खातिर फ्री राशन नही लेते हैं!
सलाह के बाद युवाओं ने फ्री राशन का बोर्ड हटा कर वहा दूसरा बोर्ड लगा दिया
आटा चावल15रूपये किलो,हर तरह की सबजी10रूपये किलो ,हर तरह की दाले25रूपये किलो!
देर मत कीजिये स्टाक बहूत कम है!
लाक डाउन पर विशेष छूट का आफर?
ये एलान सुनते ही मुफ्तखोर,ढोगी भिकारी अपना घर भरने वाले लालची लोग पतली गली का रास्ता नापने लगे!
और सफेद पोश, जरूरतमंद ,लाचार लोग अपने हाथो मे थोडी थोडी रकम लेकर राशन खरीदारी के लिये लाईन मे बिना हिचकिचाहट के खडे होगये ना कोई धक्का मक्की और ना ही कोइ हूलड बाजी आराम से सब लोग सौदा लेकर अपने अपने धरो को आ गये!
जब इन लोगो ने अपने घरो पर सामान का थैला खोला तो देखा कि समान के थैले मे अदा की गयी किमत के साथ साथ एक पर्ची भी है जिस मे लिखा था ये सामान केवल जरूरतमंद ही लोगो के लिये है यदि आप को जरूरत हो तो ये सारा सामान और रूपये अपने पास रख लो यदि आप को जरूरत नही है तो खुदा के वास्ते इस सामान और पैसो को ज़रूरतमंदों तक पहुंचाने मे हमारी मदद करें।
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