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पीएम मोदी की जान को मन की बात

भारत की युवा-पीढ़ी को, अब इस चुनौती को स्वीकार करना होगा | जैसे, विश्व ने योग को सहर्ष स्वीकार किया है, वैसे ही, हजारों वर्षों पुराने, हमारे आयुर्वेद के सिद्दांतों को भी विश्व अवश्य स्वीकार करेगा।"



"आप देखियेगा, mask, अब सभ्य-समाज का प्रतीक बन जायेगा | अगर, बीमारी से खुद को बचना है, और, दूसरों को भी बचाना है, तो, आपको mask लगाना पड़ेगा, और, मेरा तो simple सुझाव रहता है – गमछा, मुहँ ढ़कना है | "


 


मुझे विश्वास है कि रमज़ान के इन दिनों में स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना के खिलाफ़ चल रही इस लड़ाई को हम और मज़बूत करेंगे | सड़कों पर, बाज़ारों में, मोहल्लों में, physical distancing के नियमों का पालन अभी बहुत आवश्यक है |"


 


इस रमज़ान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं | इस बार हम, पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाये और हम पहले की तरह उमंग और उत्साह के साथ ईद मनायें |"


 


अभी पिछले दिनों ही, हमारे यहाँ भी, बिहू, बैसाखी, पुथंडू, विशू, ओड़िया New Year ऐसे अनेक त्योहार आये | हमने देखा कि लोगों ने कैसे इन त्योहारों को घर में रहकर, और बड़ी सादगी के साथ और समाज के प्रति शुभचिंतन के साथ त्योहारों को मनाया"


 


"मेरे देशवासियों से, मैं आपसे, आग्रह करूँगा – हम कतई अति-आत्मविश्वास में न फंस जाएं, हम ऐसा विचार न पाल लें कि हमारे शहर में, हमारे गाँव में, हमारी गली में, हमारे दफ़्तर में, अभी तक कोरोना पहुंचा नहीं है, इसलिए अब पहुँचने वाला नहीं है |


 


देखिये,ऐसी ग़लती कभी मत पालना | दुनिया का अनुभव हमें बहुत कुछ कह रहा है | और, हमारे यहाँ तो बार–बार कहा जाता है – ‘सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी’| याद रखिये, हमारे पूर्वजों ने हमें इन सारे विषयों में बहुत अच्छा मार्ग-दर्शन किया है |"


 


अर्थात, हल्के में लेकर छोड़ दी गयी आग, कर्ज़ और बीमारी, मौक़ा पाते ही दोबारा बढ़कर ख़तरनाक हो जाती हैं | इसलिए इनका पूरी तरह उपचार बहुत आवश्यक होता है |"


 


याद रखिये, हमारे पूर्वजों ने हमें इन सारे विषयों में बहुत अच्छा मार्ग-दर्शन किया है 


 हमारे पूर्वजों ने कहा है –


‘अग्नि: शेषम् ऋण: शेषम् ,
व्याधि: शेषम् तथैवच ।
पुनः पुनः प्रवर्धेत,
तस्मात् शेषम् न कारयेत ।।"


 


और, मैं फिर एक बार कहूँगा – 
दो गज दूरी बनाए रखिये, खुद को स्वस्थ रखिये - 


“दो गज दूरी, बहुत है ज़रूरी”



आप सबके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हुए, मैं मेरी बात को समाप्त करता हूँ | "



                 *प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ।*


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