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देश में लॉक डाउन के चलते प्रवासी मजदूरों ने कई हादसों में अपनी जान गवाई है केंद्र राज्य सरकार ₹50,लाख का मुआवजा तथा उनके परिवार को एक सरकारी नौकरी दें: निर्मल सिंह नामधारी

दिल्ली कोरोना वायरस के चलते आज पूरे देश में लॉक डाउन प्रक्रिया से गुजर रहा है जहां प्रवासी मजदूर अपने घर जाने के लिए उतावले दिखाई दे रहे हैं ।


वहीं सरकार तथा सरकार के प्रतिनिधि उन से निवेदन कर रहे हैं कि आप यही पर रह कर लॉक डाउन का पालन करें लेकिन उनकी समस्याएं खाने-पीने तक सीमित नहीं है कोई भी व्यक्ति साधन तौर से बीमार होता है तो डॉक्टर उनको देखकर दवाई देना पसंद नहीं कर रहे हैं । वही किराए पर रहने वाले प्रवासियों से मकान मालिक किराए की मांग कर रहे हैं जिसके चलते उनकी बिजली पानी भी काट दी जाती है। अब वह इस भयंकर गर्मी में बगैर पंखे के कैसे अपना दिन और रात अपने परिवार के साथ काटे उनके साथ एक और समस्या बड़ी जबरदस्त है यह प्रवासी मजदूर किसी भी प्रदेश में काम करने के बाद अपने घर में आसानी से छत के ऊपर जा कर सो जाते थे क्योंकि एक कमरे में 8,10 मजदूर रहते थे ।


वह  किराया आपस में जोड़कर मकान मालिक को देदिया करते थे लेकिन सोशल डिस्टेंस बन गई उनके लिए बेरुखी का साधन अब काम बंद होने की वजह से एक कमरे में आठ-दस लोग कैसे रह सकते हैं जिसकी वजह से कुछ मकान मालिक होने उनसे मकान खाली करने को कहा फिर वह कैसे कहां जाएं उनके पास विकल्प घर जाने के सिवा कुछ नहीं बचा और उनके सारे पैसे भी खत्म हो चुके थे अब पैदल चलने के सेवा रास्ता नहीं खुला रह गया। इस संबंध में हमारे संवाददाता से बातचीत के दौरान पूर्व चेयरमैन नगर निगम गाजियाबाद निर्मल सिंह नामधारी ने बताया इन प्रवासी मजदूरों ने जब अपने घर वापस जाने की ठानी तो यह लोग पैदल ही निकल गए क्योंकि सरकार भी इन लोगों की कोई यातायात में मदद नहीं कर रही है और मुंबई औरंगाबाद में मजदूर ट्रेन हादसे के दौरान अपनी जान गवा देते हैं औरैया में सड़क हादसे में मजदूर पैदल चलकर अपनी जान गवा दे रहे हैं सहारनपुर मैं मजदूर सड़क हादसे के दौरान भी जान गयी ।जहां केजरीवाल सरकार ने करोना योद्धाओं के हताहत होने पर एक करोड़ की बलिदान राशि उनके परिवार को दे रहे हैं वही केंद्र सरकार  तथा  प्रदेश सरकार को इन हादसों में हताहत होने वाले मजदूरों को भी कम से कम 50 लाख रुपया उनके परिवार को देना चाहिए और उनके परिवार को एक सरकारी नौकरी अवश्य देनी चाहिए ताकि उनके परिवार का साधारण जीवन चलता रहे । उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने प्रवासी मजदूरों के हताहत होने पर मामूली सा मुआवजा की घोषणा करके अपनी सरकार को मजदूरों का रहनुमा साबित करने का प्रयास किया है।


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