घनी आबादी के बीच बिना लाइसेंस के कई दशक से चल रही है अवैध पटाखा फैक्ट्री। घटनास्थल पर एसपी सीओ कई थानों चौकियों की पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे घटनास्थल
उत्तर प्रदेश: कौशांबी कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी कस्बे के खल्लाबद में बीते कई दशक से आतिशबाजी पटाखा बम आदि बनाने की फैक्ट्री बिना वैध लाइसेंस से बेखौफ तरीके से चल रही है इस फैक्ट्री में सोमवार की सुबह 7:00 बजे तेज आवाज के साथ विस्फोट हो गया जिससे फैक्ट्री में काम कर रहे तीन महिला मजदूरों के चिथड़े उड़ गए हैं धमाका इतना तेज था कि आसपास के दीवारें फट गयी टीन सेट सैकड़ों फीट दूर जाकर गिरे हैं सूचना पाकर कई थानों और पुलिस चौकियों की फोर्स के साथ एसपी सीओ घटनास्थल पर पहुंचे हैं और बचाव राहत का कार्य कर आतिशबाज का कारखाना चलाने वाले मोहम्मद हैदर पुत्र मोहम्मद शफी के तीन ठिकानों सीज की कारवाही कर दी है वहीं पुलिस ने आतिशबाजी की फैक्ट्री चलाने वाले हैदर की एक कार को भी अपने कब्जे में ले लिया है
जानकारी के मुताबिक कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी कस्बा के खल्लाबद मोहल्ले में मोहम्मद शफी कई दशक से आतिशबाजी पटाखा बनाने की अवैध फैक्ट्री चला रहे हैं इस फैक्ट्री में कई मजदूर भी काम करते हैं मोहम्मद शफी की मौत के बाद उनके पुत्रों ने अलग-अलग स्थानों पर आतिशबाज की अवैध फैक्ट्री चलाना शुरु कर दिया और इन फैक्ट्रियों में आतिशबाज पटाखा के साथ-साथ बम भी बनाए जाते हैं
सरकारी सूत्रों की माने तो आतिशबाज बनाने का लाइसेंस भी इनके पास नहीं है फिर भी प्रशासनिक उदासीनता के चलते बीते कई दशक से घनी आबादी के बीच यह पटाखा फैक्ट्री बेखौफ तरीके से चल रही थी इस फैक्ट्री में इसके पूर्व 1986 और 1989 सहित कई बार विस्फोट हो चुका है लेकिन पूर्व में कई बार बिस्फोट होने के बाद भी सरकारी जिम्मेदार नहीं चेते और आतिशबाजी कि इस अवैध फैक्ट्री को नहीं बंद कराए जिससे घनी आबादी के बीच बारुद का खेल बेखौफ तरीके से खेला जाता रहा
सोमवार की सुबह अचानक बारूद फैक्ट्री में तेज धमाके हुए धमाके इतने तेज थे कि आसपास की कई मकानों की दीवारें फट कर गिर गयी पड़ोसियों के मकानों की टीम सेट और ईटी उड़कर सैकड़ों फीट दूर जा गिरे आतिशबाज की फैक्ट्री में विस्फोट होने से उस फैक्ट्री में काम कर रहे तीन महिला मजदूर हादसे के शिकार हो गयी मौके पर गीता देवी उम्र 20 वर्ष पुत्री श्यामलाल ने दम तोड़ दिया और मरणासन्न हालत में पुष्पा देवी 22 वर्ष पुत्री राजकुमार और उसकी भाभी राधिका देवी उम्र 25 वर्ष पत्नी राजकुमार को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया लेकिन दोनों की रास्ते मे सांस थम गई एक साथ पटाखा फैक्ट्री के विस्फोट से तीन लोगों की मौत के बाद कोहराम मच गया है आसपास लोगो की भीड़ जुट गई इस हादसे में कई अन्य लोगों को भी चोटें आई हैं
*पीढ़ी दर पीढ़ी बारूद फैक्ट्री का लाइसेंस होता रहा ट्रांसफर*
*मौत के मामलों को योगी सरकार संज्ञान लेगी या फिर मौतों को तमाशबीन बनकर वह भी देखती रहेगी*
*भरवारी कौशांबी* भारतीय संविधान के मुताबिक किसी भी प्रकार का लाइसेंस और पट्टा परिवारवाद पर उसे स्थानांतरण नहीं किया जाता है लेकिन कौशांबी का कानून भारतीय संविधान के विपरीत चलता है और मोहम्मद सफी के नाम छोटे-छोटे पटाखे बेचने के लाइसेंस को विभागीय कर्मचारियों ने एक साजिश के तहत बारूद कारखाना चलाने का लाइसेंस बना दिया है जबकि सूत्र बताते हैं कि बारूद फैक्ट्री चलाने का लाइसेंस मंत्रालय द्वारा जारी होता है लेकिन मोहम्मद शफी को दिया गया पटाखे बेचने के लाइसेंस में सारे नियम कायदों को दरकिनार कर अभिलेखों में हेराफेरी कर इसे बारूद कारखाने चलाने का लाइसेंस जारी कर दिया है इस मामले में विभागीय लोगों की कारगुजारी यहीं खत्म नहीं होती बल्कि मोहम्मद रफी के नाम जारी इस लाइसेंस को उनके तीन बेटे उपयोग कर बेखौफ तरीके से कई बारूद फैक्ट्री का संचालन कर रहे हैं जो व्यवस्था पर बड़ा सवाल है यही अकेले इस गुनाह में शामिल नहीं है जिले में 3 दर्जन से अधिक ऐसे परिवार हैं जो अवैध तरीके से बारूद फैक्ट्री का संचालन कर रहे हैं जो पूरी व्यवस्था पर बड़ा सवाल है और इन मामलों को योगी सरकार संज्ञान लेगी या फिर मौतों को तमाशबीन बनकर वह भी देखती रहेगी
*विस्फोटक परिसर में 50 हजार लीटर टैंक बनने के बाद ही जारी होती है एनओसी*
*अग्निशमन बिभाग के इंस्पेक्टर ने विभागीय क्षेत्राधिकारी को ठहराया मौत का जिम्मेदार*
*भरवारी कौशांबी* विस्फोट से जुड़े पदार्थों और सामग्रियों के रखरखाव बिक्री और निर्माण के नियम केंद्र प्रदेश सरकार ने कठोर बना रखा है और बारूद तो खासतौर से विस्फोटक है और इसके लाइसेंस देने में सरकार ने कठोर नियम बनाए हैं विभागीय सूत्रों की पमानें तो जहां पर बारूद फैक्ट्री का संचालन किया जाता है वहां पर 50 हजार लीटर पानी का टैंक बनाया जाना और पानी का टैंक को हर समय पूरी तरह से भरा रखना आवश्यक है बारूद फैक्ट्री के संचालन में इस गंभीर बिंदु को नजरअंदाज कर कुछ रुपयों के लालची अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने यन ओ सी जारी कर दी बिभाग द्वारा जारी एनओसी नियमो के विपरीत फर्जी है हालांकि जिले में बैठे अधिकारी इस मामले में अपने को दोषी नहीं मानते उनका कहना है कि उनकी अधिकारी जो इलाहाबाद में बैठते हैं एनओसी उनके द्वारा जारी किया जाता है और कौशांबी में बैठे अग्निशमन के अधिकारी इन हादसों के बाद भी अपने को निर्दोष बताते हैं जो व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है और इस मामले में जांच हुई तो जांच परिणाम चौकाने वाले होंगे
*घनी आबादी में बारूद फैक्ट्री का संचालन का अग्निशमन विभाग ने कैसे दी एनओसी*
*बारूद फैक्ट्री में विस्फोट के बाद तीन मजदूरों की मौत का मामला*
*भरवारी कौशांबी* भरवारी कस्बे में बारूद फैक्ट्री में विस्फोट के बाद तीन मजदूरों की मौत के मामले में अग्निशमन विभाग के अधिकारियों की कारगुजारी सवालों के घेरे में है बीच आबादी में बारूद बेचने का लाइसेंस नहीं दिया जा सकता तो फिर घनी आबादी के बीच बारूद फैक्ट्री संचालन का लाइसेंस कैसे दे दिया गया है लाइसेंस देने वाले अधिकारी सवालों के घेरे में है घनी आबादी के बीच बारूद फैक्ट्री का लाइसेंस नही दिया जा सकता आबादी के बाहर लाइसेंस देने में अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा जाता है आखिर अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने बारूद फैक्ट्री संचालन का आबादी के पक्के घर मे एनओसी कैसे जारी कर दिया है यह पूरे विभाग को कटघरे में खड़ा कर रहा है और इस मामले में जांच हुई तो अग्निशमन विभाग के जिले से लेकर मंडल स्तर के अधिकारियों का जेल जाना पड़ सकता है लेकिन क्या योगी सरकार मौत से खेलने वाले इन भ्रष्ट अधिकारियों के कारनामों को संज्ञान लेकर उच्च स्तरीय जांच कराएगी इसका उत्तर योगी सरकार से जनता चाहती है
*जिले में चल रही अवैध तरीके से बारूद की दर्जनों फैक्ट्रियां*
*बारूद फैक्ट्री में बिस्फोट के बाद तीन लोगों की मौत का मामला*
*भरवारी कौशांबी* कोखराज थाना क्षेत्र में यह अकेली बारूद फैक्ट्री अवैध तरीके से संचालित नहीं हो रही थी भरवारी रोही के साथ-साथ सराय अकिल सैनी कड़ा पश्चिम सरीरा पूरा मुफ़्ती सहित विभिन्न क्षेत्रों में बारूद के अवैध कारखाने बेखौफ तरीके से जिले में संचालित हो रहे हैं लेकिन बारूद के कारखानों पर चंद रुपयों की लालच में जिम्मेदार रोक नहीं लगाना चाहते हैं जिससे आम जनता की जिंदगी हमेशा खतरे में रहती हैं लेकिन इन बारूद के अवैध कारखानों के संचालन पर जिला प्रशासन भी गंभीर नहीं है जो व्यवस्था पर बड़ा सवाल है
*बारूद का कारखाना चलाने का किसने दिया लाइसेंस*
*भरवारी कौशांबी* कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी खलीलाबाद में मोहम्मद रफ़ी और उनके बेटों को बारूद फैक्ट्री चलाने का लाइसेंस किसने दिया बारूद फैक्ट्री संचालन करने का लाइसेंस किस स्तर से जारी किया जाता है यह बड़ा जांच का विषय है और इस मामले में यदि जांच हुई तो तमाम चौकाने वाले तथ्य उजागर होंगे लेकिन क्या योगीराज में निष्पक्ष जांच हो पाएगी और बेकसूर तीन मजदूरों की मौत के बाद क्या अवैध पटाखा फैक्ट्री संचालन कराने वाले दोषी उजागर होंगे या फिर अंधे कानून की तरह सब कुछ चलता रहेगा
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