बिलासपुर। महापौर रामशरण यादव ने कलेक्टर डॉ संजय अलंग को पत्र लिखकर कहा है की नगर निगम की सीमावृद्धि के बाद शामिल हुए क्षेत्र की (नगर निगम की सीमा में आने वाली) रिक्त शासकीय भूमि के आबंटन के पूर्व नगर निगम से अनापत्ति पत्र प्राप्त करने की अनिवार्यता को सुनिश्चित किया जाए।निश्चित किए जाने के लिए कहा है। महापौर ने कहा है कि नगर निगम की अनुमति लिए बिना शासकीय भूमि आबंटन का किए जानेे से विकास कार्य करने में कठिनाईया होगी।
सरकार ने फ्री होल्ड योजना के तहत सरकारी जमीन को कब्जाधारियों को देने का निर्णय लिया है। लेकिन फ्री होल्ड की जमीनों को नगर निगम व राजस्व विभाग के अधिकारियों द्बारा मिलीभगत कर अपने चहेतों को रेवड़ी की तरह बांटा जा रहा है। महापौर को आमजनों से लगातार इस बाबत शिकायत मिल रही है। इस संबंध मे महापौर ने 22 मई को कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत कराते हुए कहा कि नगर निगम सीमा क्षेत्र में रिक्त शासकीय भूमि के आबंटन के पूर्व नगर निगम बिलासपुर की अनापत्ति लिये जाने की अनिवार्यता निश्चित की जाए। बिना नगर निगम बिलासपुर की अनुमति के रिक्त शासकीय भूमि आवंटित कर दिये जाने से विकास कार्यो की समुचित कार्य योजना तैयार किये जाने में कठिनाई होगी । दूरभाष एवं आमजनो से प्राप्त शिकायतो के अनुसार आज दिनांक तक लगातार शासकीय भूमि पर बेजा कब्जा किया जा रहा है । उन्होंने कलेक्टर से आग्रह किया है कि ऐसी स्थिति को देखते हुए संबंधितो को शासकीय भूमि में अवैध कब्जा हटवाने एवं रोकने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के लिए संबंधित को निर्देशित करने की ठोस पहल करें।
-० *आमजनों से महापौर ने किया आग्रह*
महापौर रामशरण यादव ने इससे पहले ही आमजनों को आगह किया है कि नजूल की जिस जमीन को फ्री होल्ड योजना के तहत दी जा रही है, इस जमीन को देने का सारा अधिकार एमआईसी को है। इसलिए एमआईसी में जो पास होगा, वही मान्य होगा। यह योजना लांच होते ही नगर निगम के अधिकारी और राजस्व महकमे की दिन बहुर गई हैं। मेयर रामशरण यादव के पास ऐसी कई शिकायतें आई हैं कि निगम के अधिकारी और राजस्व महकमा मिलकर सरकारी जमीन की बंदरबांट कर रहे हैं। पहले आवेदन करने वालों को प्राथमिकता देने के बजाय चेहरा देखकर जमीन बांटी जा रही है। निगम सीमा की कई एकड़ सरकारी जमीन को बेचने का खेल शुरू हो गया है। इस मामले में मेयर यादव का कहना है कि नगर निगम के अधिकारी और राजस्व महकमे की भर्राशाही नहीं चलने दी जाएगी।
0 टिप्पणियाँ