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प्रवासी मजदूरों का किराया 50% जिस राज्य में वह रहता है वह दे 50% जिस राज्य से हो जाएगा उस राज्य ग्रहण करना होगा: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी बयान में अभी सभी सरकारों को निर्देश दिया गया कि जो भी प्रवासी मजदूर बाहर किसी अन्य राज्य में फंसे हुए हैं उनसे अपने घर तक आने के लिए चाहे रेलवे हो या बस उनसे उनका किराया नहीं लिया जाएगा जो भी रेलवे का किराया है l


वह संबंधित राज्य वहन करेगी जिस राज्य में वो रह रहे हैं 50% वाहन का किराया देगा और जिस राज्य में उनका घर है जहां वह आना चाहते हैं उस राज्य में 50% किराया वहन करेगी साथ ही साथ यदि ट्रेन से आ पाते हैं तो आपको संबंधित राज्य द्वारा खाना दिया जाएगा और यदि बीच रास्ते में पहुंच जाते हैं तो रेलवे का जिम्मा होगा खाना खिलाने का इसके बाद जब स्टेशन पर पहुंचेंगे तो आपको संबंधित राज्य द्वारा खाना दिया जाएगा इसके लिए सभी राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वह एडवर्टाइजमेंट के माध्यम से प्रचार के माध्यम से सभी लोगों को सूचित करेंगे कि कहां-कहां खाना वितरित किया जा रहा है।


 


जो लोग किसी राज्य में फंसे हुए हैं वह अपना पंजीकरण करवा लें क्योंकि पहले सभी मजदूरों में कंफ्यूजन था कि उनका पंजीकरण होने के बाद भी वह अपने गृह राज्य तक नहीं पहुंच पाते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसके ऊपर भी ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यदि आप किसी अन्य राज्य में फंसे हुए हैं तो आप डिजास्टर मैनेजमेंट के वेबसाइट पर रजिस्टर्ड करवा ले किसी भी माध्यम से या फिर बस पास के माध्यम से या फिर रेलवे के माध्यम से आपको जल्द से जल्द इस पर निर्णय लेते हुए सभी को अपने राज्य तक पहुंचाना है यह निर्देश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना बयान जारी किया है


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