दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग में भड़काऊ भाषण के चलते चर्चा में आईं जामिया मिल्लिया इस्लामिया की स्नातकोत्तर छात्रा सफूरा जरगर दो महीने की प्रेगनेंट हैं. सोशल मीडिया पर अब जामिया छात्रा की रिहाई की मांग उठने लगी है. बता दें कि जांच में स्पेशल सेल को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के दौरान उसके 24 फरवरी को चांदबाग में दंगाइयों के साथ होने और दंगे की साजिश रचने की भी ठोस जानकारी मिली है.पुलिस के मुताबिक जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ की रहने वाली 27 वर्षीय सफूरा जरगर सीएए के विरोध में शाहीनबाग में चले धरने प्रदर्शन में उसकी काफी सक्रिय भूमिका थी. प्रोटेस्ट के दौरान साढ़े तीन महीने तक वह धरनास्थल पर टेंट में ही रहीं. सफूरा को तिहाड़ जेल संख्या छह में रखा गया है. प्रेगनेंसी के चलते सफूरा को जेल में सभी सुविधाएं दी जा रही है. उसे एक अलग सेल दिया गया है. इसमें महिला कैदियों को ही रखा जाता है. हालांकि इसके बावजूद भी जामिया छात्रा की रिहाई की मांग सोशल मीडिया पर तेजी की जा रही है. लोग सरकार से छात्रा के लिए सहानुभूति दिखाने की मांग कर रहे हैं.
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