लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने मातृ दिवस पर अपनी माँ के चरणों में पुष्प अर्पित करने के बाद आरती कर अनोखे अंदाज में मातृ दिवस मनाकर आशीर्वाद लिया।
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि सनातन धर्म में मां और पिता के चरणों में चारों धाम और सभी देवी-देवताओं का वास बताया है। सनातन धर्म के पद्म पुराण के सृष्टिखण्ड में उल्लेखित 'सर्वतीर्थमयी माता सर्वदेवमय: पिता।
मातरं पितरं तस्मात् सर्वयत्नेन पूजयेत्।।' श्लोक के माध्यम से पहले से ही कहा गया है कि मातृ और पिता की सेवा नित्यकर्म में शामिल होना चाहिए। भारतीय संस्कृति में मातृ और पितृ भक्ति को शाश्वत और लोक-परलोक के विषय के साथ जोड़ा गया है। मां की महिमा तो स्वंय भगवान और महापुरुष गाते है। छत्रपति शिवाजी महाराज की जब माताजी का देहांत हुआ तो वो खूब रो रहे थे सभी के समझाने पर उन्होंने कहा कि आज मुझे सभी छत्रपति कहते है लेकिन मुझे शिवा कहकर सिर पर हाथ अब कोई नहीं रखेगा, यह माता जीजाबाई के त्याग और तपस्या का ही परिणाम था कि शिवा से एक बालक छत्रपति शिवाजी बन पाया । मनुष्य के जीवन में सभी कामयाबी के पीछे मां का हाथ होता है इसलिए आजके युवाओं को मातृ एवं पितृ भक्ति को तरजीह देना चाहिए इसे आत्मसात करना चाहिए तभी लोक-परलोक सुधारा जा सकता है।
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