दिल्ली : फालुन दाफा (या फालुन गोंग) मन और शरीर का एक उच्च स्तरीय साधना अभ्यास है. बुद्ध और ताओ विचारधारा पर आधारित ये अभ्यास प्राचीन समय से एक गुरु से एक शिष्य को हस्तांतरित होता आ रहा है. फालुन दाफा में पांच सौम्य और प्रभावी व्यायाम सिखाये जाते हैं. किन्तु बल मन की साधना या नैतिक गुण साधना पर दिया जाता हैl
ये व्यायाम व्यक्ति की शक्ति नाड़ियों को खोलने, शरीर को शुद्ध करने, तनाव से राहत और आंतरिक शांति प्रदान करने में सहायता करते हैं.
डॉ. लिली फेंग, बेलोर कॉलेज ऑफ मेडिसिन, टेक्सास में इम्यूनोलॉजी की प्रोफेसर के शोध के अनुसार फालुन दाफा बीमारियों के विरुद्ध प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में कारगर है. डॉ. लिली फेंग ने सफेद रक्त कोशिकाओं (न्युट्रोफिल) के जीवन काल और कार्य की जांच की जिसमे पाया गया कि फालुन दाफा अभ्यासियों के न्यूट्रोफिल का इन-विट्रो जीवन काल नियंत्रण समूहों की तुलना में 30 गुना अधिक था और वे बेहतर कार्यशील थे। यह कुछ बीमारियों के लिए प्रतिरक्षा और स्वास्थ्य लाभ को दर्शाता है।
फालुन दाफा को पहली बार चीन में मई 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा सार्वजनिक किया गया. आज यह अभ्यास 114 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोगों में लोकप्रिय है. फालुन दाफा के स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक शिक्षाओं के कारण यह चीन में इतना लोकप्रिय हुआ कि 1999 तक करीब 7 से 10 करोड़ लोग इसका अभ्यास करने लगे जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 6 करोड़ मेम्बरशिप से ज्यादा थे. कम्युनिस्ट पार्टी की नास्तिक विचारधारा के कारण चीन के शासकों ने फालुन दाफा की बढ़ती लोकप्रियता को अपनी प्रभुसत्ता के लिए चुनौती माना और 20 जुलाई 1999 को इस पर पाबंदी लगा दी और क्रूर दमन आरम्भ कर दिया जो आज तक जारी है.
पिछले तीन महीनो से वुहान कोरोना वाइरस महामारी का गढ़ रहा है, जहाँ 81,000 केस दर्ज हुए हैं जिसमे करीब 3200 लोगों कि मृत्यु हो चुकी है. ये चीन की अधिकारिक संख्या है, जबकि विशेषज्ञों के अनुसार मरने वालों की वास्तविक संख्या 10 गुणा से भी अधिक हो सकती है. इतनी विषम परिस्थतियों में भी वुहान के फालुन दाफा अभ्यासी न केवल खुद को महामारी संक्रमण से बचा पाए हैं बल्कि अपनी जान की परवाह किये बिना संकट में घिरे वुहान वासियों को फालुन दाफा के स्वास्थ्य लाभ और इसका सत्य, करुणा और सहनशीलता का सन्देश पहुंचा रहे हैं. वुहान के फालुन दाफा अभ्यासियों का यह निस्वार्थ प्रयास निश्चित ही प्रशंसनीय है और दुनिया के लोगों को पता लगना चाहिए.
भारत में कोरोना वाइरस महामारी का प्रसार रोकने के लिए सरकार ने लोगों को अपने घरों में ही रहने की सलाह दी है. क्यों न आप इस समय का सदुपयोग फालुन दाफा अभ्यास सीखने में करें और आध्यात्मिक विकास के साथ अपनी प्रतिरोधक शक्ति बढाएंl
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