00 सामान्य निधि में जमा राशि का 20% व एफडी से सहायता दिया जाएगा
बिलासपुर। चीफ जस्टिस पीआर मेनन व जस्टिस पीपी साहू की डीबी ने लॉकडाउन के दौरान न्यायालय का कामकाज बंद होने से प्रभावित वकीलों को 10 दिन के अंदर आर्थिक सहायता पहुंचाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सभी पक्षकारों को इस संबंध में बैठक कर रूपरेखा तैयार करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 10 दिन बाद होगी। उल्लेखनीय है लॉकडाउन के दौरान न्यायालय बंद होने से जूनियर अधिवक्ता के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया। जरूरतमंद अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता पहुंचाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। शुक्रवार को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डीबी में मामले की पुनः सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता सौरभ पांडे ने कोर्ट को बताया कि परिषद की ओर से राज्य शासन , महाधिवक्ता से चर्चा कर कार योजना तैयार कर किया गया है। इसके लिए 50 करोड़ की मांग की गई है । इसके अलावा अधिवक्ता कल्याण ट्रस्टी कमेटी भी फंड दे सकती है ।ट्रस्टी कमेटी इस संबंध में निर्णय लेगी। राज्य विधिक परिषद ने निर्णय लिया है कि 10 दिन में सामान्य फंड से जमा राशि का 20 प्रतिशत वकीलों को दिया जाएगा जोकि 87 लाख 67 हजार 533 रुपए एवं एफडी से 2 करोड़ 67 लाख 27 हजार 302 रुपए है। परिषद के जवाब पर अधिवक्ता संदीप दुबे ने कोर्ट को बताया कि उनकी अधिवक्ता कल्याण ट्रस्टी कमेटी के चेयरमैन एवं विधि मंत्री मोहम्मद अकबर के साथ बैठक हुई है जिसमें उन्होंने सीएम के निर्देश पर अगर बार काउंसिल ट्रस्टी कमेटी के सदस्य राजी होते हैं ट्रस्टी समिति के पास जमा 4 करोड़ रुपए अधिवक्ता सहायता के लिए तुरंत जारी किया जाएगा। कोर्ट ने इस कथन को अपने आर्डर में लेते हुए आगे कहा सभी पक्ष कार ट्रस्टी कमेटी व महाधिवक्ता के साथ बैठकर इस मुद्दे को आपसी सहमति से सुलझाए एवं जरूरतमंद वकीलों को ज्यादा से ज्यादा मदद की जाए । राज्य विधिक परिसर सामान्य खाता से 20% की राशि निकालकर जोकि 87 लाख ₹67533 रुपए एवं फिक्स राशि 2 करोड़ 67 लाख 27 हजार ₹302 रु है 10 दिनों में जरूरतमंद वकीलों को दें और शीघ्र ही ट्रस्टी कमेटी एवं संबंधित पक्ष कार जिसमें बार काउंसिल के सदस्य और ट्रस्टी कमिटी भी एक है आपस में बैठक करें और जरूरतमंद अधिवक्ताओं को कैसे और कितना मदद की जा सकती है इसकी योजना बनाकर निर्णय करे। कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए 10 दिन बाद रखने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान आज अधिवक्ता सौरभ पांडे, अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव, राजीव श्रीवास्तव एवं अपूर्व त्रिपाठी ने तर्क प्रस्तुत किया है
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