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जानिए महान सिकंदर की तीन इच्छा

अमर होने का ख्वाब रखने वाले सिकंदर ने कैसे माना मौत को सत्य


 


1 . जिन हकीमो ने मेरा इलाज किया, वे सारे मेरे जनाज़े को कंधा देंगे, ताकि दुनिया को पता चल सके कि रोग का इलाज करने वाले हकीम भी मौत को नहीं हरा सकते.


 


2 . जनाज़े की राह मे वो सारी दौलत बिछा दी जाए जो उसने ज़िन्दगी भर इकट्ठा की थी. ताकि सबको ये पता चले कि जब मौत आती है तो ये दौलत भी काम नहीं आती.


 


3 . महान सिकंदर का जनाज़ा जब निकाला जाए तो उसके दोनों  हथेली बाहर की ओर लटकाएं जाए, ताकि लोगो को पता चले कि इंसान धरती पर खाली हाथ आता है और खाली हाथ जाता है.


 


अमर होने का ख्वाब रखने वाले सिकंदर ने कैसे माना मौत को सत्य


 


सिकंदर ने अपने पिता के मृत्यु के बाद अपने सौतेले और चचेरे भाइयो का कत्ल करके मेसेडोनिया के सिहांसन को हथिया लिया. विश्वविजेता बनने के ख्वाब को पूरा करने के लिए उसने इरान पर आक्रमण किया. इरान को जितने के बाद गोर्दियास को जीता. गोर्दियास को जीतने के बाद टायर को नष्ट कर दिया. सिकंदर इतना क्रूर था कि बेबीलोन को जीत कर पुरे राज्य मे आग लगवा दी और फिर अफगानिस्तान को रौंदता हुआ भारत के सिन्धु नदी तक चढ़ आया.


 


सिकंदर को लगता था कि भारत मे कही कोई ऐसी जडीबुटी मिलती है, जिसे लेकर भारत के लोगो की आयु बढ़ जाती है.


 


कार्तियास लिखता है कि सिकंदर जब अपने दल के साथ आगे बढ़ा तो उसने देखा कि एक साधू योग मे खोया हुआ है.


 


सिकंदर ने उस साधू को आवाज लगाकर कहा : -“ऐ साधू, मुझे बताओ कि वो जडीबुटी कहा मिलती है, जिसे पीकर तुम लोग अमर हो जाते हो. तुम्हें जितनी भी दौलत चाहिए मैं दूंगा….”


 


सिकंदर की बातें सुनकर साधू मुस्कुराया और कहा: -“मै नहीं जानता कि तुम कौन हो और कहा से आये हो, पर मै इतना जान गया हु कि तुम एक घमंडी और मुर्ख योद्धा हो…”


 


साधू ने सिकंदर से कहा : -“मानलो तुम्हे बहोत प्यास लगी है और तुम रेगिस्तान मे खड़े हो. तुम्हारे पास पानी की एक भी बूंद नहीं है. ऐसे मे एक ग्लास पानी पीने के लिए तुम मुझे अपना क्या दे सकते हो?”


 


सिकंदर ने कहा : -“पानी के लिए मै अपना आधा धन दौलत दे सकता हूं.”


 


साधू बोले :-“मै फिर भी ना मानु तो?”


 


सिकंदर ने कहा :-“फिर मै अपनी सारी दौलत, सारे राज्य, सारे महल, आपको दे दुंगा पर पानी के बगैर नहीं रह पाउंगा.”


 


सिकंदर की इस बात पर साधू हंसे और बोले;- “ज़िन्दगी भर इक्कठी की हुई दौलत की तुलना मे एक ग्लास पानी की कीमत अमूल्य है तुम्हारी नजरो मे… तो तुम ये क्यों नहीं मानते कि तुम जिस चाह मे (विश्वविजेता कि चाह) दुनिया भर मे भ्रमण कर रहे हो वो सब व्यर्थ है. जीवन की सच्चाई सिर्फ मृत्यु है. जो इस धरती पर आया है, उसे जाना ही है. तुमने अपनी ज़िन्दगी मे सिर्फ दुसरो कि आह ही कमाई है, इसलिए तुम्हे नर्क मे जाना होगा .”


 


साधू ने सिकंदर को ये भी जता दिया कि उसकी मौत जल्द ही हो जायेगी.


 


और… 20 जुलाई 356 ई. पू. के दीन जन्मे महान सिकंदर की मौत 33 साल के उम्र मे ही हो गई.


 


कहा जाता है कि सिकंदर को थ्रोट केंसर नामक बीमारी ने जकड लिया था, जिसका सही इलाज हकीमो के पास नहीं था इसलिए इस दुनिया से सिकंदर ने अलविदा कह दिया.


 


महान सिकंदर से जुडी इन रोचक बातो को हमने ख़ास उद्देश्य से आपके समक्ष पेश किया है.


 


हमारी कोशिश है कि हम आपको बता सके कि समय से पहले और समय से ज्यादा किसी को कुछ नहीं मिला है. मौत एक सच है, जो आज नहीं तो कल आनी ही है. इसलिए कर्म करते रहे और कोशिश करे कि आपसे किसी का दिल ना दुखे.


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