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कुछ शर्तों पर बाजार खोल सकते हैं तो पूजा स्थल क्यों नहीं: सरदार मंजीत सिंह

गाजियाबाद : 1 मई से 31 मई 2020 तक लॉक डाउन के दौरान 100 पेज की एक किताब मेरा गुरु ही मेरा खुदा है लिखने के साथ-साथ 11 आर्टिकल आध्यात्मिक एवं सामाजिक स्तर पर लिखे गए जिन्हें विभिन्न अखबारों के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाने में मददगार बने लॉक डाउन के दौरान लेखन में सुधार भी आया और समय का सदुपयोग भी किया पत्रकारों का धन्यवाद के साथ सरदार मंजीत सिंह आध्यात्मिक एवं समाजिक विचारक


 1 इंसान परमात्मा के सबसे सुंदर रचना है नंबर 2 आज भारत में सबसे बड़ी समस्या भूख की जिसे शांत किए बिना हम जिंदा नहीं रह सकते हैं नंबर 3 लॉक डाउन खुलने के बाद की तस्वीर आज से भी ज्यादा भयानक हो सकती है नंबर 4 आज आप टेंशन फ्री जिंदगी जी रहे हैं सोच कर देखिए नंबर 5 इंसान को हमेशा मददगार बन जीना चाहिए नंबर चाहिए क्या दोबारा जिंदगी पटरी पर लौट पाएगी नंबर 7 20 लाख करोड़ रूपया सुनकर मुंह में पानी आ गया नंबर 8 मजदूरों की तकलीफों को भी बयान नहीं कर पा रहा है इतना दर्द हो उड़ेल दिया देश की सड़कों पर ना देख सका ना बाट सका नाही समय सका नंबर 9 जब कुछ शर्तों पर बाजार खोल सकते हैं तो पूजा स्थल क्यों नहीं नंबर 10 सेवा का केंद्र गुरु नानक का परिवार नंबर यारा भूख और कुपोषण से हो सकती हैं बीमारी से भी ज्यादा मौतें यह सभी लेख लिखे गए 1 मई से 31 मई के दौरान


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